छत्तीसगढ़: जांजगीर-चांपा जिले में महानदी में डूबे मानसिक रूप से कमजोर युवक की लाश हादसे के 32 घंटे बाद मिली है। उसका शव गोताखोरों को घटनास्थल से 4 किलोमीटर दूर मिला है। सोमवार सुबह वह मछुआरे के पीछे नदी में चला गया था। उसी दौरान गहराई में जाने से यह हादसा हुआ था। तब से गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम उसकी तलाश कर रही थी। मामला हसौद थाना क्षेत्र का है।
देवरीमठ निवासी मनोज कुमार कुर्रे (32) मानसिक रूप से कमजोर था। यही वजह है कि वह घर से निकल गया था। परिजनों के काफी तलाश करने के बाद वह 10 साल बाद अपने घर लौटा था। परिजनों ने 2 महीने पहले ही उसकी शादी भी करवा दी थी।
सोमवार सुबह 6 बजे के आस-पास मनोज महानदी की तरफ गया था। वहां नदी में कुछ मछुआरे मछली पकड़ने अंदर जा रहे थे। उन्हें को देखते हुए मनोज भी अंदर गया था। इसके बाद मछुआरे मछली पकड़कर वापस भी लौट आए। मगर मनोज वापस लौटने के दौरान भटक गया और किसी गहराई वाले क्षेत्र में चला गया। उसी दौरान वह डूब गया था।
सोमवार को भी युवक को देर शाम तक तलाशा गया था।
हादसे के बाद से मछुआरों ने पुलिस और प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी थी। जिसके बाद स्थानीय गोताखोर उसकी तलाश कर रहे थे। मगर सोमवार शाम तक उसका कुछ पता नहीं चल सका था। इसके बाद मंगलवार सुबह से फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। एसडीआरएफ और गोताखोर उसे तलाश रहे थे। इस बीच घटनास्थल से 4 किलोमीटर दूर डोटमा गांव के पास उसका शव मिला है।
आस-पास के लोगों की भीड़ लग गई थी।
शव मिलने के बाद उसे पानी से निकाला गया। फिर पीएम के लिए भेज दिया गया है। इधर, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि यहां लगातार रुक-रुक हो रही बारिश के चलते महानदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। जिसके चलते रेस्क्यू में परेशानी हो रही थी।