नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच जुलाई तक ट्रेड डील साइन होने की संभावना है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने सोमवार को कहा, भारत और अमेरिका के बीच बहुत जल्द ट्रेड डील हो जाएगी, क्योंकि दोनों देशों ने ऐसा रास्ता खोज लिया है जो दोनों के लिए फायदेमंद है।
लुटनिक ने यह बात वॉशिंगटन में US-इंडिया स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के लीडरशिप समिट में कही। कल भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि दोनों देश एक-दूसरे के कारोबार को प्राथमिकता देना चाहते हैं और टीमों के बीच लगातार बातचीत हो रही है।
इसके साथ ही अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा जब दोनों तरफ सही लोग टेबल पर बैठे, तो हम सही दिशा में आगे बढ़े। अब डील में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। सूत्रों के मुताबिक 8 जुलाई से पहले दोनों देश एक अंतरिम समझौते पर पहुंच सकते हैं।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से दोनों देश ट्रेड डील पर बातचीत कर रहे हैं। ये टैरिफ भारत पर 8 जुलाई से लागू होंगे।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा था- ट्रेड डील की शर्तें फाइनल
इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा था अमेरिका और भारत ने ट्रेड डील के लिए शर्तों को फाइनल कर दिया है। इसे टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToRs) कहते हैं। अप्रैल में अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे। उन्होंने 22 अप्रैल को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक इवेंट में ये जानकारी दी थी।
जेडी वेंस ने कहा था “मेरा मानना है कि यह राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के विजन को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह फाइनल डील का एक रोडमैप तैयार करेगा।”

अमेरिकी उपराष्ट्रपति अपने परिवार के साथ भारत दौरे पर आए थे।
2 अप्रैल को ट्रम्प ने दुनियाभर के कई देशों पर टैरिफ लगाया था
2 अप्रैल 2025 को ट्रम्प ने ‘लिबरेशन डे’ का नाम देते हुए दुनिया भर के 100 से ज्यादा देशों से आने वाले सामान पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।
उनका दावा था कि ये टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे और उन देशों को सबक सिखाएंगे जो अमेरिका से कम सामान खरीदते हैं और ज्यादा बेचते हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल 2025 को वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में टैरिफ का ऐलान किया था।
हालांकि बाद में चीन को छोड़कर बाकी देशों पर टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी थी। ट्रम्प के टैरिफ के जवाब में चीन ने भी टैरिफ लगाया था।
इसी वजह से चीन को टैरिफ से राहत नहीं दी गई थी। चीन का टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया गया था। बातचीत के बाद चीन पर से भी टैरिफ को कम कर दिया गया।
भारत पर टैरिफ को लेकर ट्रम्प ने कहा था,
भारत अमेरिका पर 52% तक टैरिफ लगाता है, इसलिए अमेरिका भारत पर 26% टैरिफ लगाएगा। अन्य देश हमसे जितना टैरिफ वसूल रहे, हम उनसे लगभग आधे टैरिफ लेंगे। इसलिए टैरिफ पूरी तरह से रेसिप्रोकल नहीं होंगे। मैं ऐसा कर सकता था, लेकिन यह बहुत से देशों के लिए कठिन होता। हम ऐसा नहीं करना चाहते थे।
टैरिफ क्या होता है?
टैरिफ दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाया जाने वाला टैक्स है। जो कंपनियां विदेशी सामान देश में लाती हैं, वे सरकार को ये टैक्स देती हैं। इसे एक उदाहरण से समझिए…
- टेस्ला का साइबर ट्रक अमेरिकी बाजार में करीब 90 लाख रुपए में बिकता है।
- अगर टैरिफ 100% है तो भारत में इसकी कीमत करीब 2 करोड़ हो जाएगी।
रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब क्या है?
रेसिप्रोकल का मतलब होता है- तराजू के दोनों पलड़े को बराबर कर देना। यानी एक तरफ 1 किलो भार है तो दूसरी तरफ भी एक किलो वजन रख कर बराबर कर देना।
ट्रम्प इसे ही बढ़ाने की बात कर रहे हैं। यानी भारत अगर कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 100% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस तरह के प्रोडक्ट्स पर 100% टैरिफ लगाएगा।

(Bureau Chief, Korba)