रायपुर: मुख्यमंत्री महोदय का संबोधन आरंभ
- झीरम घाटी की घटना को घटित हुए दस बरस हो गये। हर साल हम लोग झीरम के शहीदों को नमन करते है।
- जब भी 25 मई आता है हम सब का दिल भर जाता है। जो बच गए उन्होंने घटना को अपनी आंखों से देखा। वे बताते थे कि घटना कितनी भयावह थी।
- इस घटना में शहीद हुए नेताओं ने परिवर्तन की बात कही थी। जिसका शुभारंभ सरगुजा से हुआ था । हमारे नेता कहते थे कि किसानों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाना है। परिवर्तन का संकल्प लेने वाले हमारे सभी बड़े नेता हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने झीरम में अपनी शहादत दी है।