Friday, April 26, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाछत्तीसगढ़: 12 साल की नाबालिग का अपहरण और रेप.. दोषी को 20...

छत्तीसगढ़: 12 साल की नाबालिग का अपहरण और रेप.. दोषी को 20 साल सश्रम कारावास की सजा, जुर्माना भी लगाया गया; पीड़िता को मुआवजा देने के आदेश

छत्तीसगढ़: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने और उसका यौन शोषण करने वाले आरोपी को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दोषी को स्पेशल एडीजे कोर्ट गौरेला ने पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

मामला 29 अगस्त 2021 का है, जहां पेंड्रा थाना क्षेत्र के डूमरखेरवा गांव में रहने वाली एक 12 साल की स्कूली छात्रा को आरोपी साहिल कुल्हरिया ने अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था। बच्ची अपने नाना-नानी के घर रहती थी। आरोपी की दोस्ती इंस्टाग्राम के जरिए लड़की से हुई थी। दोनों सोशल मीडिया पर बातचीत करने लगे, फिर आरोपी ने नाबालिग को अपने प्यार का झांसा देकर अपने साथ बाइक पर पहले दुबटिया ले गया। फिर यहां से किराये की गाड़ी कर बिलासपुर भगा ले गया।

एडीजे कोर्ट गौरेला।

एडीजे कोर्ट गौरेला।

वो नाबालिग को अपने मामा ओमप्रकाश पनरिया के घर ले गया और वहां उसके साथ रेप कर पीड़िता को उसके घर वापस भेज दिया। पीड़िता ने परिवारवालों के साथ थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने अपराध क्रमांक 198/21 कायम किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। अब गुरुवार 17 नवंबर को इसमें फैसला आया है।

विशेष अपर सत्र न्यायाधीश किरण थवाइत ने मामा ओमप्रकाश पनरिया को धारा 366/368 के आरोपों से दोषमुक्त करने का आदेश जारी किया। वहीं नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई है। पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी साहिल कुल्हरिया उर्फ शनि उर्फ लक्की (19 वर्ष) को धारा 363 के तहत 2 साल का सश्रम कारावास और 500 रुपये का अर्थदंड, धारा 366 के तहत 5 साल का सश्रम कारावास और 500 रुपये का अर्थदंड और पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत 20 साल के सश्रम कारावास और 1000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

जुर्माना नहीं देने पर 3 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजांए एक साथ चलेंगी। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज नगाईच ने की। वहीं इस मामले में स्पेशल एडीजे किरण थवाइत ने अवयस्क पीड़िता के साथ हुए अपराध के कारण उसकी मानसिक और शारीरिक पीड़ा को देखते हुए उसके पुनर्वास के लिए पीड़ित प्रतिकार योजना के अंतर्गत धारा 357क आईपीसी के प्रावधानों के तहत समुचित मुआवजा देने के लिए आदेश की कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर को भेजने के निर्देश दिए हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular