कोरबा: पाली तानाखार के पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने शनिवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजा है,लेकिन कारण नहीं बताया है। टिकट कटने के बाद से ही नाराज चल रहे थे। समीक्षा बैठक में भी कांग्रेसियों ने चुनाव में हार का ठीकरा केरकेट्टा पर ही फोड़ा था।
जिले में कांग्रेस की खेमेबाजी के साथ ही अब हार के बाद कांग्रेसी मुखर होने लगे हैं। पूर्व विधायक केरकेट्टा ने टिकट कटने के बाद ही पार्टी के नेताओं पर षड़यंत्र करने का आरोप लगाया था। उसे समय बड़े नेताओं की समझाइश पर मान गए थे। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें जशपुर जिले में चुनाव पर्यवेक्षक बनाकर भेज दिया था। चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने षड़यंत्र के तहत आदिवासी प्रत्याशियों को हराने का आरोप भी लगाया था। इसके बाद से वे पार्टी से दूरियां बना रखी थी। केरकेट्टा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं मोहित राम पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 23 से पूर्व विधायक व पूर्व उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन एवं विकास प्राधिकरण हूं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व समस्त पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करने का कष्ट करें। इसमें इस्तीफा देने का कारण नहीं बताया गया है। इसकी प्रति कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा है। एक दिन पहले ही केरकेट्टा ने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए कहा था कि चुनाव में हार के लिए दूसरों पर आरोप वही लोग लगाते हैं जो चापलूसी में ही आगे रहते हैं। पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने कहा कि आदिवासी नेताओं का इस तरह अपमान करते रहने से पार्टी का भला नहीं होगा। मेरा हमेशा अपमान किया जा रहा है। प्रशांत मिश्रा ने ही टिकट लाया और उसी ने हरवाया। अब दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। लगातार अपमान करने से दुखी होकर मैंने इस्तीफा दिया है। पार्टी को इस पर विचार करना चाहिए।