- सरकार ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती की है- सपना चौहान
कोरबा (BCC NEWS 24): छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी निर्देश पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई आरक्षण व्यवस्था से अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध कांग्रेस पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में जिला स्तरीय धरना/ प्रदर्शन किया गया है। जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा ने भी 15 जनवरी बुधवार को टी पी नगर चौक कोरबा में एक दिवसीय जिला स्तरीय धरना/प्रदर्शन किया। सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए आरक्षण में एक भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नही है, जबकि प्रदेश की आधी आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग का है। सरकार षड़यंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण को लगभग खत्म कर दिया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशिओं का अधिकार का हनन किया जा रहा है।
जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष श्रीमती सपना चौहान ने कहा है कि सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है, उसका परिणाम सामने है। रायपुर जिला पंचायत में 16 में से केवल 4 सीट ही ओबीसी के लिए आरक्षित है, उसी तरह बिलासपुर जिले में 17 में से केवल 1 क्षेत्र ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से 1 भी सीट आरक्षित नही है, उसी तरह 4 जनपद पंचायतों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, 1 अनारक्षित महिला और 1 जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। यहां एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नही है जिसके कारण प्रदेश के ओबीसी वर्ग चुनाव लड़ने से वंचित हो गया है और साय सरकार ने ओबीसी वर्ग हो चुनाव लड़ने से षडयंत्र पूर्वक रोक दिया है और यह सरकार ओबीसी विरोधी बन गयी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है। इस सरकार ने ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती की है।
पूर्व सभापति श्यामसुंदर सोनी ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों में किये गये दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला एवं जनपद पंचायतों में आरक्षण खत्म कर दिया गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटे अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीवारों के लिए आरक्षित थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और अपने अधिकारों का हनन समझ रहे हैं। कांग्रेस नेत्री श्रीमती उषा तिवारी ने बताया कि मैदानी क्षेत्रों में अनेक पंचायते ऐसी है, जहां पर 90 से 99 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है लेकिन वहां पर भी ओबीसी के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है। पंचोें का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिलें और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित था, अब वे सामान्य सीटें घोषित हो चुकी हैं।
ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग कांग्रेस कोरबा शहर अध्यक्ष गजानंद साहू ने कहा कि सरकार ने साजिश कर खत्म ओबीसी आरक्षण में कटौती कर रही है। बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिलें अंबिकापुर, बलरामपुर, सुरजपुर, कोरिया-महेन्द्रगढ़-चिरमिरी, भरतपुर-सोनहत, बस्तर के 7 जिलें-बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर-मोहला, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिलें में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है। इस अवसर पर दुष्यंत शर्मा, सनीष कुमार, रवि चंदेल, गजानंद साहू, रेखा त्रिपाठी, शांता मंडावे, रामगोपाल यादव, अनुज जायसवाल, देवीदयाल सोनी, कृपाराम साहू, देवी दयाल तिवारी, हलीम शेख, महेन्द्र निर्मलकर, लक्ष्मी महंत, गीता मनिकपुरी, राजेश मानिकपुरी, संजू अग्रवाल, ओंकार महराज, अनील यादव, नत्थू लाल यादव, गोपाल यादव, संजय अग्रवाल, राजेश, राजू बर्मन, गोरेलाल यादव, देव जायसवाल, ओमकार दुबे, ए डी जोशी, मुकेश कश्यप, ज्ञानचंद राठौर, संजीव अग्रवाल, सीताराम चौहान, लक्ष्मण लहरे, डॉ. हेमकुमार राठौर, अविनाश बंजारे, अरूण यादव सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।
(Bureau Chief, Korba)