Saturday, December 28, 2024
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              KORBA : देश और राज्य के विकास में BALCO का महत्वपूर्ण योगदान

              कोरबा (BCC NEWS 24): भारत सरकार ने 27 नवंबर 1965 को भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) की स्थापना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में की और छत्तीसगढ़ के कोरबा में एल्यूमिनियम कारखाना स्थापित करने का निर्णय लिया। उस समय आज का विशाल औद्योगिक नगर कोरबा, मध्य प्रदेश के बिलासपुर जिले का हिस्सा था। बालको के एल्यूमिनियम कारखाना की योजना पर कार्य आरंभ हुआ, साथ ही व्यापार का नया क्षेत्र और विविध अवसर अपने साथ लेकर आया। वर्ष 1970 में बालको के एल्यूमिनियम संयंत्र का निर्माण प्रारम्भ हुआ। यह वह समय था, जब बड़ा आर्थिक निवेश के साथ हजारों हाथों को रोजगार के जरिये अतिरिक्त आर्थिक संबल और समृद्धि हासिल हुई। वर्ष 1975 में बालको के एल्यूमिनियम संयंत्र ने पूर्ण आकार ले लिया। फिर वह खुशनुमा सुबह आई, जब मई 1975 में बालको ने धातु का उत्पादन प्रारम्भ किया। सन् 2001 तक उत्पादन क्षमता 01 लाख टन प्रति वर्ष थी।

              कंपनी सही मायने में रोजगार और व्यापार का पर्याय बन गया है। बालको में कार्यरत कुल 1986 कर्मचारियों में से छत्तीसगढ़ राज्य के 1379 कर्मचारी शामिल हैं। क्षेत्र की हजारों प्रतिभाओं का संयंत्र में नियोजन होने के साथ हजारों मेहनतकशों को नियमित रोजगार मिलने लगा। व्यापार तथा सहायक उद्योगों की नई राह खुल गई। कोरबा में सिल्वर (एल्यूमिनियम) अपनी चमक बिखरने लगा। वर्ष 2001 में हुए निजीकरण के बाद से बालको में सतत, सम्यक और तीव्रगति से प्रगति की एक नयी संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ। निजीकरण के बाद 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार तथा 51 प्रतिशत वेदांता समूह के पास है।

              वर्तमान में, देश में एल्यूमिनियम की कुल मांग 4.1 मिलियन टन है, जिसमें बालको 14 प्रतिशत एल्यूमिनियम की पूर्ति कर रहा है। अभी भारत की एल्यूमिनियम खपत प्रति व्यक्ति लगभग 3 किलोग्राम है। दूसरी ओर, विश्व की प्रति व्यक्ति औसत एल्यूमिनियम खपत लगभग 12 किलोग्राम है। अनुमान है कि यह मांग 2030 तक बढ़कर लगभग 15 से 20 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो जाएगा। विकाशील देश की श्रेणी में होने की वजह से भारत में इस धातु की खपत विश्व के औसत खपत से ज्यादा होने की प्रबल संभावना है।

              देश में बढ़ते एल्यूमिनियम की मांग को देखते हुए बालको की विस्तार परियोजना इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्ष 2026 तक 01 मिलियन टन के विस्तार परियोजना के बाद बालको, देश की कुल 20 प्रतिशत एल्यूमिनियम की मांग को पूरा करने में सक्षम होगा। बालको, अपने उत्पादन का 90 प्रतिशत एल्यूमिनियम घरेलू बाजार में ही विक्रय करता है। बालको सहित वेदांता समूह की एल्यूमिनियम बिजिनेस कुल 2.37 मिलियन टन एल्यूमिनियम उत्पादित कर रहा है। रिसाईकल और सस्टेनेबल गुणों की वजह से एल्यूमिनियम ‘भविष्य का धातु’ के रूप में देखा जा रहा है।

              बालको के निजीकरण और विस्तार परियोजनाओं की शुरूआत से लेकर इसके प्रचालन में आने तक हजारों हाथों को रोजगार मिला है। कोरबा और बालको के व्यवसाय ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। बालको, अभी और प्रगति के नए सोपानों को तय करने के लिए प्रतिबद्ध है। बालको के वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार के कुशल नेतृत्व में कंपनी की विस्तार परियोजना को साकार रूप देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। कंपनी के प्रगति के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर का निर्माण होगा। शीघ्र ही 01 मिलियन क्लब की ऊंचाई को छू लेगा और देश और राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।

              बालको के लिए समुदायों का सामाजिक-आर्थिक विकास सर्वोपरि है। कंपनी शिक्षा, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य संपदा, स्वच्छता, खेल, संस्कृति और बुनियादी जरूरतों के विकास में गहन हस्तक्षेप के माध्यम से सालाना लगभग 1.5 लाख लोगों के जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के अवसर प्रदान करती है। बालको के सामाजिक विकास प्रयास छत्तीसगढ़ के 4 जिलों को कवर करते हुए 123 गांवों तक पहुंचती है। कोरबा, कवर्धा, सरगुजा और रायपुर, और इसकी सीएसआर नीतियों और प्रणालियों को जमीन पर स्थायी प्रभाव देने के लिए तैयार और कार्यान्वित किया जाता है, जिससे इन समुदायों को राष्ट्र की प्रगति में एक समान भागीदार बनाया जाता है।




                    Muritram Kashyap
                    Muritram Kashyap
                    (Bureau Chief, Korba)
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