Saturday, December 21, 2024
              Homeछत्तीसगढ़कोरबाकोरबा: 10 हजार रुपये के सिक्के लेने से इनकार... नामांकन फॉर्म नहीं...

              कोरबा: 10 हजार रुपये के सिक्के लेने से इनकार… नामांकन फॉर्म नहीं भर सका निर्दलीय प्रत्याशी, रिटर्निंग ऑफिसर बोले- सिर्फ एक हजार लेंगे

              कोरबा: जिले में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन एक निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन नहीं भर सका। प्रत्याशी गणेश दास महंत का कहना है कि वह सिक्के लेकर पहुंचे थे, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर सिक्कों को लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि 1 हजार के सिक्के ही ले पाएंगे, जबकि प्रत्याशी 10 हजार रुपये सिक्कों को लेकर पहुंचा था।

              प्रत्याशी गणेश दास महंत के मुताबिक वह शहर के तुलसी नगर बस्ती में निवास करता है। वह अपने समर्थक और प्रस्तावक के साथ कोरबा विधानसभा के लिए नामांकन दाखिल करने कलेक्ट्रेट पहुंचा, लेकिन फॉर्म नहीं भर सका, जिससे वह मायूस है।

              कोरबा में निर्दलीय प्रत्याशी गणेश दास महंत बोरी में सिक्के लेकर पहुंचा।

              कोरबा में निर्दलीय प्रत्याशी गणेश दास महंत बोरी में सिक्के लेकर पहुंचा।

              समर्थक और प्रस्तावक के साथ पहुंचे महंत

              महंत समर्थक और प्रस्तावक के साथ कक्ष के भीतर पहुंचे तो उनके हाथ में प्लास्टिक की बोरी थी, जिसे देख रिटर्निंग अफसर भी थोड़ी देर के लिए चौंक गए। उन्हें माजरा तब समझ आया, जब महंत ने नामांकन पत्र के साथ बतौर शुल्क दस हजार रुपए के सिक्के जमा करने की जानकारी दी।

              बोरी में 10 हजार रुपये तक के सिक्के लेकर पहुंचा प्रत्याशी ।

              बोरी में 10 हजार रुपये तक के सिक्के लेकर पहुंचा प्रत्याशी ।

              एक हजार के ही सिक्के जमा करने की बात कही

              सभी सिक्के बकायदा गिनती कर पालीथिन में पैक थे। इस बात की जानकारी होने पर रिटर्निंग अधिकारी ने एक हजार के ही सिक्के जमा करने की बात कही। उन्होंने ने शेष सिक्के लेने से मना कर दिया। मायूस महंत का कहना है कि वे परिवहन कर्मचारी संघ और ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष हैं।

              एक हजार के सिक्के ही जमा करने की बात कही

              वे वाहन चालक सहित इससे जुड़े कर्मचारियों के हित में लंबे समय से काम करते चले आ रहे हैं। उन्हें वाहन चालक साथियों ने अपनी हित के लिए विधानसभा चुनाव लड़ने की सलाह दी थी। इसके लिए साथी चालक और वह खुद बीते चार साल से सिक्के एकत्रित करते आ रहे थे, ताकि नामांकन दाखिल करने के लिए जरूरी शुल्क अदा की जा सके। उनका कहना है कि अफसर ने एक हजार के सिक्के ही जमा करने की बात कही।




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