कोरबा (BCC NEWS 24): भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को श्रीराम दरबार परिसर में भारी उत्साह के साथ मनाया गया। एक बार फिर श्रीराम दरबार को अभूतपूर्व सजाया गया था और लोगों की हुजूम उमड़ पड़ी थी। दही हांडी स्पर्धा की रोचक प्रतिस्पर्धा देखते ही बनती थी। दही हांडी फोड़ने कोरबा सहित अन्य जिलों की टीम आई थीं और इस स्पर्धा में 16 टीमों ने भाग लेकर परिसर में रोमांच पैदा कर दिया। दही हांडी फोड़ने सभी टीमों ने अपना-अपना सामर्थ्य दिखाया और अंत में बजरंगी भाईजान आमापाली सक्ती ने सभी टीमों को पछाड़ कर प्रतियोगिता में अव्वल रही। आयोजक गण श्रीराम दरबार मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने विजेता टीम को 51 हजार रूपये का नगद पुरूस्कार दिया। प्रतियोगिता में कृष्णा टीम अंडीकछार ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया और आयोजक सदस्यो ने इस टीम को 31 हजार के नगद पुरस्कार से नवाजा। बाकी सभी अन्य 14 टीमों को सांत्वना पुरूस्कार देकर हौसला बढ़ाया और उन्हें सांत्वना राशि 2500-2500 रूपये का नगद पुरूस्कार दिय गया, क्योकि सभी टीमों नें इस प्रतियोगिता में अपने सामर्थ्य से सबको रोमांचित किया। बच्चे राधा कृष्ण बनकर परिसर में घूमघूम कर लोगों का मन मोह रहे थे।
लड्डू गोपाल की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही
श्रीराम दरबार परिसर में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने 3 दिन पूर्व से ही तैयारी की जा रही थी। परिसर में लड्डू गोपाल को झूले में भव्य रूप से सजाया गया था और 12 बजते ही कृष्ण के आगमन पर फूलों की होली खेली गई और कृष्ण के जन्म पर लड्डू गोपाल को श्रद्धालुओं ने झूला झूलाकर पूजा अर्चना की।
सपरिवार जयसिंह अग्रवाल ने की पूजा अर्चना
कोरबा विधायक एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सपरिवार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को सफल बनाने पूरे समय रहे और पूरी व्यवस्था को निगरानी रखी। सपरिवार जयसिंह अग्रवाल ने पूजा अर्चना कर पूरे प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की मंगल कामना के साथ लड्डू गोपाल से आशीर्वाद मांगा और उपस्थित जनों को शुभकामनाएं दी। एक बार फिर रामदरबार में कृष्ण जन्मोत्सव पर अद्भूत नजारा दिख रहा था।
खेतों को संजीवनी दी कृष्ण जन्माष्टमी ने
श्रीराम दरबार में कृष्ण जन्मोत्सव अपने शबाब पर था और भगवान कृष्ण की महिमा ही कहें कि उत्सव प्रारंभ होते ही आसमान में घटाटोप अंधेरा आने लगा और जमकर बरसात होने लगीं। यह बारिश पूरे जिले में होती रही और प्यासे खेतो की प्यास बूझी। असिंचिंत क्षेत्रों के खेतो में दरारें पड़ने लगी थी लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी में हुई बारिश ने सूखती फसलों को नई संजीवनी दे गई।