कोरबा (BCC NEWS 24): श्रीमद्भागवत कथा भवसागर से पार लगाने का सर्वोत्तम आधार है। कथा जरूर सुने तथा कथा में सुनाए गए प्रसंगों को अपने जीवन में आत्मसात करें। इससे मन को शांति भी मिलेगी और मानव जीवन का कल्याण होगा। उक्त सारगर्भित बातें श्रीमद् भागवत कथा वाचक परम पूज्य आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने सप्तदेव शिव मंदिर जमनीपाली प्रांगण पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिवस की कथा के दौरान कही। श्रीमद् भागवत कथा की व्यासपीठ से कथा वाचक आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने अपनी मधुर वाणी से आध्यतम का ऐसा रंग बिखेर रहे हैं जिसे सुनकर श्रद्धालुजन मंत्रमुग्ध होकर आनंद ले रहे हैं।
आचार्य श्री ने कृष्णलीला, गोवर्धन पूजा, महारास, कंसवध के साथ अनेको प्रसंगो का सुंदरता के साथ वर्णन करते हुए बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया। बाल अवस्था में ही नन्हे कृष्ण ने शकटासुर का वध किया, पूतना को मौत की नींद सुला दिया। तीन महीने के थे तो कान्हा ने व्योमासुर को मार गिराया, प्रभु ने बाल्याकाल में ही कालिया का वध किया और सात वर्ष की आयु में गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र देवता के अभिमान को चूर-चूर कर दिया। प्रभु ने गोकुल में गोचरण किया तथा गीता का उपदेश देकर हमें कर्मयोग्य का ज्ञान सिखाया।
आचार्य श्री ने कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि बाल गोपाल ने अपनी अठखेलियों से सबका मन मोह रखा था प्रभु को अपने सखाओं के साथ मटकी फोड़कर चोरी कर माखन खाते हुए देख यशोदा मैय्या मंत्रमुग्ध हो जाती थी। साडा कालोनी जमनीपाली वालों के द्वारा 03 अगस्त से 09 अगस्त तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में आज पांचवे दिन भारी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे। कल के कथा में गोपी उद्धव संवाद रूक्मणी विवाह व सुदामा चरित्र के प्रसंग पर कथा प्रवचन किया जावेगा। रुक्मणी विवाह व सुदामा चरित्र कथा के दौरान झांकी का प्रस्तुतिकरण होगा। रोजाना की तरह कल भी दोपहर 03 बजे कथा प्रारंभ होगा।