Tuesday, June 24, 2025

कोरबा: अतिशेष व्याख्याताओं के काउंसिलिंग की प्रक्रिया की गई है पारदर्शिता के साथ

  • दैनिक भास्कर में प्रकाशित शीर्षक“पहले आओ दूर जाओ, बाद में आओ पसंद का स्कूल पाओ“ तथ्यहीन और त्रुटिपूर्ण हैडिंग
  • समय की बचत और मितव्ययिता से बचने कलेक्टोरेट में किया गया काउंसिलिंग
  • काउंसिलिंग की सम्पूर्ण प्रक्रिया की कराई गई है वीडियोग्राफी

कोरबा (BCC NEWS 24): शासन के दिशा निर्देशों के तहत 02 जून को जिले के विद्यालयों में अतिशेष व्याख्याताओं की काउंसलिंग प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कलेक्टोरेट में पूर्ण की गई। अतिशेष व्याख्याताओं के काउंसिलिंग प्रकिया में वस्तु स्थिति इस प्रकार है।

सर्वप्रथम शिक्षा विभाग द्वारा 95 अतिशेष व्याख्याताओं की सूची विभिन्न विषयों के अनुसार जारी की गई थी। सूची जारी होने के पश्चात दावा आपत्ति आने के पश्चात परीक्षण किया गया। परीक्षण उपरांत अतिशेष शिक्षकों की संख्या 95 से 75 हो गई तथा 20 व्याख्याताओं को अतिशेष की श्रेणी से बाहर कर किया गया। इस सूची को सार्वजनिक करते हुए 75 अतिशेष व्याख्याताओं की काउंसलिंग की प्रक्रिया शिक्षको के वरिष्ठता के अनुक्रम में की गई। इस दौरान जिनकी वरिष्ठता पहले है उनका नाम पहले रखा गया और काउंसलिंग में भी उन्हें पहले बुलाया गया। उपस्थिति के आधार पर अतिशेष व्याख्याताओं द्वारा निर्धारित स्कूल में से विद्यालयों का चयन किया गया। आज दिनांक 03 जून 2025 को दैनिक भास्कर कोरबा के अंक में शीर्षक“पहले आओ दूर जाओ,बाद में आओ पसंद का स्कूल पाओ“ पूर्णतः तथ्यहीन, त्रुटिपूर्ण है। जिले के स्कूलों में से अतिशेष व्याख्याताओं का समायोजन काउंसिलिंग प्रक्रिया के साथ कर दी गई है। यहाँ यह बताना भी स्पष्ट होगा कि जिले में विभिन्न विषयों जैसे रसायन, अर्थशास्त्र आदि विषयों में अतिशेष शिक्षको की संख्या अधिक होने और विद्यालयों की संख्या कम होने की वजह से शेष बचे अतिशेष व्याख्याताओं की काउंसलिंग संभाग स्तर पर की जाएगी। काउंसलिंग में शामिल उक्त व्याख्याताओं को भी इस विषय में अवगत करा दिया गया है। जिन पदो की संख्या प्रकाशित की गई थी, उन्हीं पदो पर अनिवार्यतः नियुक्ति की गई है।  कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने बताया कि अतिशेष व्याख्याताओं को काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी कर जिले के विभिन्न स्कूलों में रिक्त विषयों के पदों पर पदस्थापना दिया गया है।

दैनिक भास्कर में प्रकाशित बिंदु“ विरोध से बचने कलेक्टोरेट में काउंसिलिंग, फोटोग्राफी प्रतिबंधित“ के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि अतिशेष व्याख्याताओं की काउंसलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित होने वालों की संख्या कम होने तथा कलेक्टोरेट में स्थान उपलब्ध होने, अन्य स्थानों की अपेक्षा वित्तीय बोझ नहीं होने तथा समय की बचत को देखते हुए स्थान निर्धारित किया गया। जबकि बीते 31 मई को प्रधानपाठको और सहायक शिक्षकों की संख्या 300 होने पर राजीव गांधी ऑडिटोरियम में आवश्यक व्यवस्था बनाये रखने के लिए किया गया था। काउसिंलिंग की प्रक्रिया के दौरान कोई फोटोग्राफी प्रतिबंधित नहीं की गई। काउंसिलिंग की सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। इस दौरान कई मीडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे हैं। अतः यह प्रकाशित करना कि विरोध से बचने काउंसिलिंग की प्रक्रिया कलेक्टोरेट में आयोजित की गई..फोटोग्राफी प्रतिबंधित कर दी गई…पूर्णतः भ्रामक और तथ्यहीन है। जिला प्रशासन उक्त शीर्षक“पहले आओ,दूर जाओ,बाद में आओ पसंद का स्कूल पाओ“ का खण्डन करता है।


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