कोरबा: जिले के कोटाद्वारी गांव में गलत इलाज के कारण गर्भवती महिला की जान आफत में पड़ गई, जबकि उसके 7 महीने के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। हालत बिगड़ने के बाद महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन शिशु को बचाया नहीं जा सका। इस मामले में सीएमएचओ ने जांच के आदेश सेक्टर डॉक्टर को दिए हैं।
दरअसल, कोटाद्वारी गांव की रहने वाली संगीता 7 महीने की गर्भवती थी। अचानक दर्द होने पर उसने पास में रहने वाले झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया। पीड़ित पक्ष के मुताबिक एक इंजेक्शन दिए जाने के बाद स्थिति बिगड़ गई जिस पर परिजनों को अवगत कराया गया।
गर्भस्थ शिशु को नहीं बचा सके डॉक्टर
आनन-फानन में संगीता को कोरबा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर डॉक्टर ने मिलकर स्थिति तो जरूर संभाल ली लेकिन संगीता के गर्भस्थ शिशु को नहीं बचा सके। सीएमएचओ डॉक्टर एसएन केसरी ने बताया कि कोटाद्वारी गांव के इस प्रकरण में झोलाछाप डॉक्टर की भूमिका की जानकारी हुई है। संबंधित महिला सरकारी चिकित्सालय में नहीं गई थी।
सेक्टर डॉक्टर को जांच के निर्देश
सीएमएचओ ने बताया कि इस मामले में सेक्टर डॉक्टर को जांच के लिए कहा गया है। इसके साथ ही आसपास की इलाके में सक्रिय ऐसे सभी झोलाछाप डॉक्टर को प्रैक्टिस करने से मना करने के लिए कहा गया है। प्रशासन की ओर से पहले ही इस तरह का सर्कुलर जारी किए गए हैं।
(Bureau Chief, Korba)