इंफाल: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़की है। काकचिंग में शमिवार शाम को उग्रवादियों ने 2 मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी है। दोनों मजदूर बिहार के गोपालगंज के रहने वाले थे।
पुलिस ने बताया कि शनिवार शाम करीब 5.20 बजे काकचिंग-वाबागई रोड पर केराक में पंचायत कार्यालय के पास दोनों काम करके साइकिल से घर लौट रहे थे, तभी उन्हें गोली मार दी गई।
सूचना मिलने पर पुलिस ने उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मजदूरों की पहचान राजवाही गांव के रहने वाले सुनालाल कुमार (18) और दशरथ कुमार (17) के रूप में हुई है।
उधर, मणिपुर के ही थौबल में एक उग्रवादी गुट की पुलिस से मुठभेड़ हुई। इसमें एक उग्रवादी की मौत हो गई। वहीं, 6 उग्रवादियों को पुलिस गिरफ्तार किया।
घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है। ये हथियार पुलिस के शास्त्रागार से ही कुछ दिनों पहले लूटे गए थे।
एनकाउंटर में घायल हुए उग्रवादी लैशराम प्रेम को अस्पताल पहुंचाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कार सवार 7 उग्रवादियों ने पहले गोली चलाई थी… 4 पॉइंट में एनकाउंटर की डिटेल्स
- पुलिस ने बताया कि उन्हें सलुंगफाम इलाके में उग्रवादियों के मूवमेंट की सूचना मिली थी। पुलिस ने सलुंगफाम चेकिंग के दौरान एक कार को रोका। इसमें 7 उग्रवादी सवार थे। उग्रवादियों ने कार रोकने के बजाय पुलिस पर गोलीबारी की।
- जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी फायरिंग की। मुठभेड़ के दौरान सभी 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। एक उग्रवादी को गोली लग गई थी। उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान लैशराम प्रेम (18) के रूप में हुई है। अन्य छह लोगों को लिलोंग पुलिस थाने भेज दिया गया
- पुलिस ने बताया कि एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार हुए उग्रवादी पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलीपाक (PREPAK) के थे। उनके पास से एक INSAS राइफल, एक SLR, एक 0.303 राइफल और एक अमोघ कार्बाइन के साथ 137 राउंड गोला-बारूद बरामद किया गया।
- पुलिस ने बताया कि हथियार पुलिसवालों के ही थी। इन्हें कुछ दिनों पहले शस्त्रागार से लूटा गया था। मृतक उग्रवादी प्रेम के लापता होने की रिपोर्ट उसके परिवार ने अगस्त में दर्ज कराई थी। प्रेम की मौत को लेकर थौबल पुलिस स्टेशन के बाहर शनिवार को प्रदर्शन भी हुए। लोगों ने दावा किया कि वह उग्रवादी नहीं था।
एनकाउंटर के बाद शनिवार को थौबल में पुलिस जवानों की तैनाती बढ़ाई गई।
मणिपुर में नवंबर में हालात बिगड़े…
- 11 नवंबर: सुरक्षाबलों ने जिरीबाम में 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। मुठभेड़ के दौरान कुकी उग्रवादियों ने 6 मैतेई (3 महिलाओं, 3 बच्चों) को किडनैप किया था।
- 15-16 नवंबर: किडनैप हुए छह लोगों में से पांच के शव बरामद हुए।
- 16 नवंबर: CM बीरेन सिंह और भाजपा विधायकों के घरों पर हमले हुए थे। वहीं, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने CM बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखा
- 17 नवंबर: रात में जिरिबाम जिले में पुलिस की गोली से मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए। छठा शव असम की बराक नदी से मिला। CRPF के डीजी अनीश दयाल सिंह मणिपुर पहुंचे।
मणिपुर हिंसा में अब तक 237 लोगों की मौत
मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच 570 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस हिंसा में अब तक 237 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। अब तक 11 हजार FIR दर्ज की गईं हैं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया।
(Bureau Chief, Korba)