Sunday, May 19, 2024
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BCC News 24: BIG न्यूज़- अमेरिकी वैज्ञानिकों का चमत्कार.. पहली बार एक महिला HIV से ठीक हुई, इससे पहले दो पुरुषों का भी हो चुका सफल इलाज

वॉशिंगटन: ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (HIV) से होने वाली बीमारी को लाइलाज माना जाता है, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बदल रही है। हाल ही में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने HIV से जूझ रही एक महिला को ठीक किया है। यह दुनिया का ऐसा तीसरा मामला है। इससे पहले दो पुरुषों को इस जानलेवा बीमारी के चंगुल से बाहर निकाला गया था।

कैसे हुआ महिला का इलाज?

वैज्ञानिकों ने नए स्टेम सेल (कोशिका) ट्रांसप्लांट की मदद से HIV मरीज का इलाज किया है। इस तकनीक में डोनर के अम्बिलिकल कॉर्ड (गर्भनाल) के खून का इस्तेमाल किया गया। इस खून से स्टेम सेल्स को निकाला गया, जिनसे पीड़ित महिला का इलाज हुआ।

(स्टेम सेल उन गंभीर बीमारियों में बड़े काम का है, जिनमें शरीर की कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं। ऐसे में स्टेम सेल उन कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है, जिससे बीमारी दूर होती है।)

ट्रेडीशनल इलाज में बोन मैरो से स्टेम सेल्स निकाले जाते हैं। पर ये HIV मरीजों के लिए खतरनाक है क्योंकि इस तकनीक से सिर्फ उन्हीं का इलाज किया जाता है जो कैंसर के मरीज हों और उनके पास कोई दूसरा रास्ता न बचा हो।

इसके अलावा बोन मैरो के जरिए होने वाले इलाज में डोनर और रिसीवर के ब्लड सेल्स अच्छे से मैच होना जरूरी होता है, लेकिन अम्बिलिकल कॉर्ड में ऐसा नहीं है। इस तरीके के इलाज में डोनर और रिसीवर के ब्लड सेल्स पूरी तरह न भी मिलें तो भी परेशानी वाली कोई बात नहीं है।

इलाज से अमेरिका में हर साल 50 HIV मरीज हो सकेंगे ठीक

महिला के इलाज में शामिल डॉ. कोएन वेन बेसीन का कहना है कि नए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की मदद से अमेरिका में हर साल 50 HIV मरीजों को ठीक किया जा सकेगा। चूंकि डोनर के अम्बिलिकल कॉर्ड से निकाले गए सेल्स रिसीवर से पूरी तरह मैच होना जरूरी नहीं है, इससे ज्यादा डोनर्स मिलने में आसानी होगी।

सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, अमेरिका में 12 लाख लोग HIV की चपेट में हैं।

महिला को कैंसर भी था

यह महिला मिश्रित नस्ल की है। 2013 में HIV होने के चार साल बाद महिला को ब्लड कैंसर हो गया था। इसके बाद हैप्लो-कॉर्ड ट्रांसप्लांट के जरिए उसका इलाज चलता रहा। इसमें आंशिक रूप से मेल खाने वाले डोनर और एक करीबी रिश्तेदार के अम्बिलिकल कॉर्ड ब्लड की मदद ली गई। 2017 में महिला का आखिरी ट्रांसप्लांट हुआ था और तीन साल बाद डॉक्टर्स ने उसका HIV का इलाज भी बंद कर दिया। तब से अब तक महिला किसी वायरस का शिकार नहीं हुई है।

इससे पहले दो लोग HIV से ठीक हो चुके हैं

टिमोथी रे ब्राउन 12 साल से HIV से मुक्त रहे पर 2020 में कैंसर से उनकी मौत हो गई। 2019 में एडम कैस्टिलेजो को भी इस बीमारी से छुटकारा मिल गया था। हालांकि इन दोनों का इलाज बोन मैरो स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से किया गया था। इनके डोनर्स में इस तरह का म्यूटेशन पाया गया था जो HIV संक्रमण को रोकने में मददगार है। दुनिया में केवल 20,000 डोनर्स में ही यह म्यूटेशन पाया गया है। इनमें से ज्यादातर लोग उत्तरी यूरोप के हैं।

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