Tuesday, May 21, 2024
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मां और भाई ने हड़पी करोड़ों की जमीन… दो बेटों का बनवा दिया फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, पीड़ितों ने कहा- हम जिंदा हैं, हमारी संपत्ति लौटाओ

Baloda Bazar: बलौदाबाजार के नगर पंचायत पलारी में मां ने अपने 2 जीवित बेटों का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर उनके नाम की जमीन हड़प ली। इस काम में महिला के छोटे बेटे ने भी उसका साथ दिया। वहीं पिता की मौत काफी पहले ही हो चुकी है। मामला पलारी थाना क्षेत्र का है।

आरोपी मां और भाई ने पहले तो दो बेटों का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, फिर जमीन अपने नाम करवाकर वहीं के एक स्थानीय नेता को बेच दी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब 10 साल बाद जीवित भाइयों की मुलाकात अपने एक और छोटे भाई संतोष की पत्नी के अंत्येष्टि कार्यक्रम में हुआ। तब उन्होंने अपने बड़े भाइयों को बताया कि उनकी मौत का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर छोटे भाई विनोद और मां ने जमीन हड़प ली। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले नेता को बेच दी है।

संतोष ने बताया कि उसने उस नेता को आप दोनों के जीवित होने की जानकारी भी दी थी और जमीन खरीदने से मना किया था, लेकिन वो नहीं माना। उसके मन में बेशकीमती जमीन के कौड़ियों के भाव मिलने को लेकर लालच आ गया था। इसलिए उसने सबकुछ जानते हुए भी जमीन खरीद ली।

प्रदीप गुप्ता का भी झूठा डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया और उनकी करोड़ों की जमीन हड़प ली गई।

प्रदीप गुप्ता का भी झूठा डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया और उनकी करोड़ों की जमीन हड़प ली गई।

जानकारी के मुताबिक, शिवशंकर गुप्ता और श्यामा देवी के 9 बच्चे हुए। जिनमें आशा गुप्ता, गीता गुप्ता, प्रमोद कुमार गुप्ता (54 वर्ष), प्रदीप कुमार गुप्ता (51 वर्ष), ललिता गुप्ता, संतोष कुमार, संगीता गुप्ता, विनोद गुप्ता और सुनीता गुप्ता है। इनमें से पिता शिवशंकर गुप्ता और दो बेटियों आशा और गीता की मौत हो चुकी है। इनकी प्रॉपर्टी पलारी और उत्तर प्रदेश दोनों में है। ये सभी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं और पलारी में आकर बस गए। पिता शिवशंकर यहां व्यवसाय करने आए थे। यहां बसने के बाद उन्होंने बच्चों के नाम से जमीनें भी खरीदीं।

प्रमोद कुमार गुप्ता का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, पिता और बेटे दोनों की मौत की तारीख एक।

प्रमोद कुमार गुप्ता का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, पिता और बेटे दोनों की मौत की तारीख एक।

शिवशंकर की मौत उत्तर प्रदेश स्थित घर में 18 अगस्त 2009 को हो गई। इसके बाद उसकी पत्नी श्यामा देवी अपने छोटे बेटे विनोद और सुनीता के साथ पलारी में रहने लगी। एक और बेटा संतोष भी अलग घर में पलारी में रहता है। दो बेटियों की मौत हो चुकी है। बाकी बेटियों की शादी हो चुकी है। वहीं प्रमोद और प्रदीप नाम के दो बेटे उत्तर प्रदेश में अलग-अलग घरों में रहते हैं। इस बीच मां श्यामा देवी और बेटे विनोद ने मिलकर प्रमोद और प्रदीप का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर उनके नाम की जमीन अपने नाम पर करवा ली और उसे कौड़ियों के दाम में बेच दिया।

प्रदीप कुमार गुप्ता का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट।

प्रदीप कुमार गुप्ता का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट।

एक भाई संतोष की पत्नी की मौत होने पर करीब 10 साल बाद प्रमोद और प्रदीप पलारी आए, तब उन्हें इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। पता चला कि पिता की मौत के बाद उनके मृत्यु प्रमाण पत्र को छोटा भाई विनोद कुमार लेकर आ गया था, ताकि संपत्ति को सभी भाई-बहनों के नाम पर दर्ज कराया जा सके, लेकिन उसकी नीयत बदल गई। उसने पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ ही भाई प्रमोद और प्रदीप का भी मृत्यु प्रमाण बनवाकर जमीन हड़प ली।

हम जिंदा हैं, हमारी संपत्ति लौटाओ

अब प्रमोद और प्रदीप खुद के जिंदा होने का प्रमाण पत्र लेकर अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, क्योंकि दोनों भाइयों की अविवाहित मौत होने का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर नोटरी से शपथ पत्र देकर उनके नाम की जमीन मां श्यामा देवी गुप्ता के नाम पर दर्ज कराया गया, फिर आशीष वर्मा और आनंद वर्मा को बेच दिया गया।

पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र में बेटे का नाम लिखकर बना दिया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

वहीं फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले बेटे विनोद ने पिता और बेटे को एक ही दिन मार दिया। पिता शिवशंकर गुप्ता और बेटे प्रमोद कुमार गुप्ता दोनों की डेथ सर्टिफिकेट पर तारीख एक ही 18 अगस्त 2009 की लिखी हुई है। दूसरे बेटे प्रदीप के डेथ सर्टिफिकेट में मौत की तारीख 20 जून 2013 लिखी है।

बहन का तलाक करा उसका 13 लाख खा गया छोटा भाई विनोद

प्रमोद और प्रदीप ने बताया कि उसकी छोटी बहन सुनीता का विवाह यूपी में हुआ था। संबंध ठीक नहीं होने से उसका तलाक कराकर उससे मिले 13 लाख रुपए भी विनोद खा गया और फरार होते वक्त बहन सुनीता जो उसी के साथ पलारी में रहती थी, उसे कमरे में अंदर से बंद कर भूखा-प्यासा मरने के लिए छोड़ दिया। 3 दिन बाद जब लोगों की नजर घर के दरवाजे पर पड़ी, जो बाहर से बंद था, तो लोगों ने उसे खोला। अंदर सुनीता भूख-प्यास से तड़पती हुई बुरी हालत में मिली। उसे वहां से निकाला गया, तब जाकर उसकी जान बच सकी।

आरोपी मां-बेटा फरार

इधर आरोपी मां श्यामा बाई और बेटा विनोद गुप्ता अपने परिवार के साथ फरार हो गया है। आरोपियों के खिलाफ दोनों भाइयों ने कलेक्टर, एसपी, थाना और तहसील में शिकायत कर न्याय की मांग की है। पीड़ित बेटों ने कहा कि करोड़ों की संपत्ति को हड़पने की साजिश करने वाले मां और भाई को गिरफ्तार किया जाए।

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