बिहार: पटना में एक हाई प्रोफाइल परिवार का बेहद गंभीर मामला सामने आया है। इसमें बेटी अपनी मां से असुरक्षित महसूस कर रही है। क्योंकि वह अपनी डॉक्टर मां का एक बड़े IAS अफसर से दूसरी शादी करने का विरोध कर रही है। उसका आरोप है कि जब उसने मां की शादी का विरोध किया तो उसे 24 घंटे तक कमरे में बिना खाने के बंद कर दिया गया। इतनी गर्मी के बावजूद पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। यह सनसनीखेज मामला कदमकुआं इलाके का है। महिला डॉक्टर उसी इलाके की है और सीनियर IAS अफसर बिहार सरकार के खास अभियान के कर्ताधर्ता के पद पर हैं।
महिला डॉक्टर की 21 साल की बेटी ने गुरुवार रात कदमकुआं थाने में अपनी मां और नाना के खिलाफ लिखित शिकायत की है। उसका आरोप है कि फ्लैट में मां ने कमरे को बाहर से बंद कर दिया था। 24 घंटे तक बगैर खाना-पानी के रही।’ थाना में शिकायत करने के बाद महिला डॉक्टर की बेटी ने मोबाइल पर बात की और अपनी फिर पूरी बात बताई।
बदनामी के डर से पटना में नहीं रहना चाहती मां
लड़की बताती है, ‘पिता डॉक्टर थे। PMCH में पोस्टेड थे। साल 2013 में एक रोड एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई। कदमकुआं के जिस अपार्टमेंट में फ्लैट है, वो मेरे पिता और मां के नाम पर है। यह मेरा पुश्तैनी घर है। इसमें पिता की यादें जुड़ी हैं, लेकिन IAS अफसर से शादी करने के चक्कर में मां अब पटना में नहीं रहना चाहती है। वो उनसे काफी प्रभावित है। उसको लगता है कि यहां रहेंगे तो बदनामी होगी। इसलिए फ्लैट बेचने या उसमें किराया लगाने की जुगत में लग गई थी, पर मैंने विरोध कर दिया। इसके बाद मुझे प्रताड़ित किया गया।’
दरअसल, महिला डॉक्टर की दो बेटियां हैं। पहली बेटी की शादी पटना के ही कंकड़बाग में हुई है। जबकि, दूसरी बेटी पटना वीमेंस कॉलेज की स्टूडेंट है। इसी ने कदमकुआं थाने में मां और कनाडा में रहने वाले नाना के खिलाफ लिखित शिकायत की है।
बहुत प्रेशर बनाया, IAS भी आए थे मिलने
लड़की का कहना है, ‘फ्लैट खाली करने और दूसरे शहर में शिफ्ट करने की बात का जबरदस्त विरोध किया। बुधवार शाम इसे लेकर दोनों के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद हमने अपने को कमरे में अंदर से बंद कर लिया था। गुरुवार सुबह 6 बजे मां ने पैकर्स और मूवर्स वाले को बुला लिया। कमरे को छोड़कर सारा सामान एक गाड़ी में ले गई। जाने से पहले बाहर से मेरे कमरे को लॉक कर दिया। 24 घंटे बगैर खाना-पानी का गुजारा। मदद के लिए बड़ी बहन को कॉल किया। तब जाकर बहन-बहनोई आए। फिर पूरी बात उन्हें बताई।’
लड़की के अनुसार, मां के साथ ही नाना ने उसके ऊपर काफी दबाव बनाने की कोशिश की, पर वो उनकी बातों में नहीं आई। फिर उसे समझाने के लिए IAS अधिकारी के साथ कई बड़े लोग आए। सबने दबाव बनाया। एक सवाल के जवाब में लड़की ने स्पष्ट किया कि अपनी बात मनवाने के लिए IAS अधिकारी ने उसे किसी प्रकार से डराया-धमकाया नहीं था। उन्होंने सिर्फ उससे मिलकर बात की।
पटना में घर में कैद महिला डॉक्टर की बेटी।
2008 में एक-दूसरे के कॉन्टैक्ट में आए थे दोनों
बातचीत में बेटी ने बताया, ‘मां और IAS अधिकारी की दोस्ती को करीब 14 साल हो गए हैं। साल 2008 में ही दोनों पहली बार एक-दूसरे के कॉन्टैक्ट में आए थे। उस वक्त दोनों की पोस्टिंग बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी में थी। इसके बाद ही इनका अफेयर शुरू हुआ। फिर बात शादी तक पहुंची।’
पुलिस पर भी लगाया आरोप
लड़की का आरोप है कि जब उसे कमरे में लॉक कर दिया गया तो मदद के लिए पुलिस से गुहार लगाई थी। कदमकुआं थाना और पटना पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया था। इसका वीडियो भी बनाया, पर उसे कहीं से मदद नहीं मिली। थाना से कहा गया कि उनके ऊपर बहुत प्रेशर है। कोई मदद नहीं कर सकता।
हालांकि, रात में पुलिस की टीम उसके घर गई थी। उसे बाहर निकाला। फिर बहन-बहनोई के साथ थाना जाकर लड़की ने लिखित शिकायत की। इस मामले पर शुक्रवार को प्रभारी थानेदार और सब इंस्पेक्टर संतोष से बात की गई। वो खुद को पटना से बाहर और एक छापेमारी में होने की बात कह रहे थे। इनके अनुसार, इस मामले में अभी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई या जांच-पड़ताल नहीं हुई है। इस पूरे प्रकरण में महिला डॉक्टर का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कॉल किया गया, पर उनका नंबर आउट ऑफ नेटवर्क एरिया मिला।