Monday, May 20, 2024
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BCC News 24: चैत्र नवरात्रि के दौरान जरूर अपनाएं ये वास्तु टिप्स, घर में आएगी खुशहाली और सुख-समृद्धि

धर्म शास्त्रों में मां दुर्गा को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी कहा गया है. चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन घटस्थापना की जाती है. साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन के पश्चात् व्रत का पारण किया जाता है. नवरात्रि में वास्तु के कुछ उपाय करने से घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है.

  • घर में आती है खुशहाली.
  • ऐश्वर्य की देवी हैं मां दुर्गा.
  • मिलता है मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद.

Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि शक्ति की उपासना का प्रमुख पर्व है. इस साल यह 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल, 2022 तक चलेगी. धार्मिक दृष्टिकोण से चैत्र नवरात्रि बेहद है. नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा का विधान है. चैत्र नवरात्रि, व्रत और पूजा-अर्चना के साथ-साथ वास्तु दोष दूर करने के लिए भी खास है. माना जाता है कि इस नवरात्रि की अवधि में कुछ खास उपाय कर लिए जाएं तो घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. 

चैत्र नवरात्रि के लिए ये वास्तु टिप्स हैं खास

-चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है. ऐसे में कलश स्थापना (घट स्थापना) करते वक्त वास्तु नियम का विशेष ध्यान रखना चाहिए. कलश स्थापना ईशान कोण (पूर्व-उत्तर का कोना) में करना उत्तम माना गया है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक यह दिशा पूजा-पाठ के लिए शुभ है. इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. 

चैत्र नवरात्रि में अखंड ज्योति का विशेष महत्व है. ऐसे में इसे जलाते वक्त वास्तु के नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार, आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में अखंड दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के जानकार बताते हैं कि ऐसा करने से बीमारियां दूर होती हैं. साथ ही शत्रुओं से भी छुटकारा मिलता है. 

-चैत्र नवरात्रि की अवधि में मां लक्ष्मी की भी उपासना की जाती है. चैत्र नवरात्रि के सभी दिन घर के प्रवेश द्वार पर माता लक्ष्मी के पैर अंदर की ओर आते हुए बनाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. साथ ही धन-वैभव में बढ़ोतरी होती है. 

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश में जल भरकर उसमें लाल फूल और अक्षत डालें. इसके बाद इस कलश को दफ्तर या व्यापार स्थल के मुख्य द्वार पर पूर्व या उत्तर दिशा में रखें. ऐसा करने से व्यापार में तरक्की मिलती है. 

जो भक्त नवरात्रि में व्रत रखते हैं उन्हें अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन जरूर करना चाहिए. कन्याओं को भोजन कराते वक्त उनका मुंह पूरब या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में बरकत आती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. BCC NEWS 24.COM इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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