नई दिल्ली: गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना महंगा हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने सरकार से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ाने का सुझाव दिया है।
IRDAI ने औसतन 18% प्रीमियम बढ़ाने का सुझाव दिया है, जबकि कुछ गाड़ियों की कैटेगरी में यह बढ़ोतरी 20% से 25% तक हो सकती है। अब इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय लेगा। 2 से 3 हफ्तों में इस पर फैसला लिया जा सकता है।
मंत्रालय की मंजूरी के बाद एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन सार्वजनिक सहमति के लिए जारी किया जाएगा। इसके बाद अन्य प्रक्रिया जैसे सुझाव लेना और समीक्षा करना किया जाएगा, तभी यह बदलाव लागू होंगे। पिछले तीन सालों से इस बीमा के प्रीमियम में बदलाव नहीं किया गया है।
अब समझें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता क्या है?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस एक प्रकार का वाहन बीमा है, जो भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत हर वाहन मालिक के लिए अनिवार्य है। इसे आसान भाषा में समझें:
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मतलब: यह बीमा आपके वाहन से किसी तीसरे व्यक्ति (जैसे राहगीर, दूसरा वाहन चालक, या उनकी संपत्ति) को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है। यह आपके या आपके वाहन के नुकसान को कवर नहीं करता, बल्कि दूसरों को हुए नुकसान के लिए सुरक्षा देता है।
उदाहरण से समझें: मान लीजिए आपकी गाड़ी से दुर्घटना में किसी और का वाहन खराब हो जाता है, या किसी को चोट लगती है, या उसकी संपत्ति को नुकसान होता है। ऐसी स्थिति में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस उस नुकसान की भरपाई करता है, जैसे मरम्मत का खर्च या मेडिकल बिल।
इसमें क्या-क्या कवर होता है?
- तीसरे व्यक्ति को चोट या मृत्यु होने पर मुआवजा (₹7.5 लाख तक)।
- तीसरे व्यक्ति की संपत्ति (जैसे दूसरी गाड़ी, दुकान, या घर) को नुकसान होने पर मुआवजा।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?
- यह कानूनी रूप से अनिवार्य है। बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के गाड़ी चलाना अवैध है, और जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
- यह आपको वित्तीय बोझ से बचाता है, अगर आपकी गलती से किसी और को नुकसान होता है तो इंश्योरेंस कंपनी इसकी भरपाई करती हैं।
यह क्या नहीं कवर करता?
- आपके अपने वाहन का नुकसान (इसके लिए आपको कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेना पड़ता है)।
- आपकी अपनी चोट या मेडिकल खर्च।

(Bureau Chief, Korba)