नई दिल्ली: टैरिफ वॉर की तल्खी के बीच भारत की विमान निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच जेट इंजन को लेकर कई रक्षा सौदे फाइनल स्टेज में हैं।
HAL सूत्रों के मुताबिक सबसे बड़ा सौदा जेट GE 414 इंजन का होने जा रहा है। यह इंजन भारत के 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान एम्का (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) में लगेगा।
GE ने इस इंजन की 80% तकनीकी ट्रांसफर की HAL की शर्त मान ली है। सौदे में यह तय होना है कि GE इस इंजन के बाकी पार्टनर्स के साथ तकनीक ट्रांसफर की सहमति खुद लेगी या HAL को बातचीत में सहयोग देगी।
इस करार के बाद GE-414 इंजन का प्रोडक्शन भारत में हो सकेगा। HAL 10 GE-414 इंजन खरीद चुकी है, ताकि एम्का का विकास न रुके।
अक्टूबर में वायुसेना को मिलेंगे दो तेजस MK1
कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति ने 19 अगस्त को वायुसेना के लिए 97 तेजस LCA MK1 विमानों की खरीद को मंजूरी दी। इस पर 66500 करोड़ खर्च होंगे। इसके लिए HAL 113 इंजन GE से खरीद रही है। इसके पहले 83 LCA MK1 का ऑर्डर HAL के पास है।
इस सौदे के 2 विमान अक्टूबर में वायुसेना को सौंपे जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नासिक में इन विमानों का वायुसेना को देंगे। सूत्रों ने बताया कि यह फाइटर हवा से सतह से मार करने वाली शॉर्ट रेंज से लेकर बियोंड विजुअल रेंज की मिसाइलों से लैस हैं और इनकी परीक्षण उड़ानें हो चुकी हैं।
HAL की दो प्रोडक्शन लाइनें बेंगलुरु में हैं, जबकि एक अत्याधुनिक लाइन नासिक में बनाई गई है। एक और एसेंबली लाइन बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद HAL साल में 24 LCA विमान तैयार करने की स्थिति में आ गई है।
तेजस के 113 इंजन के सौदे में टैरिफ वॉर रुकावट नहीं
सूत्रों ने बताया कि तेजस MK1 के लिए 8500 करोड़ रु. में GE 113 जेट इंजन देगी। इसके लिए GE ने भरोसा दिलाया है कि टैरिफ वॉर की आंच इस सौदे पर नहीं आने दी जाएगी। इससे पहले 2021 में 99 एफ 404 GE-AIAN 20 इंजनों का सौदा 5500 करोड़ में हुआ था। इस तरह अमेरिका से अब तक 14 हजार करोड़ के 212 इंजन की डील हो चुकी है।

(Bureau Chief, Korba)