Tuesday, October 21, 2025

नई दिल्ली: मुंबई हमले का दोषी विशेष विमान से अमेरिका से भारत लाया जा रहा, तहव्वुर राणा को एयरपोर्ट से सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया जाएगा, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

नई दिल्ली: 2008 मुंबई आतंकी हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत ला विमान थोड़ी देर में दिल्ली में लैंड करेगा। यह विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड होगा। यहां से तहव्वुर को सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया जाएगा। NIA हेडक्वार्टर के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

इससे पहले दोपहर में खबर आई थी कि राणा का ला रहा विमान लैंड कर चुका है। जेल सोर्स के मुताबिक, राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। जेल प्रशासन ने इसके लिए जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। हालांकि उसे कब और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका अंतिम फैसला कोर्ट के आदेश के बाद ही लिया जाएगा। जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम तहव्वुर को लेकर बुधवार को अमेरिका से रवाना हुई थी।

राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है। पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा।

मुंबई हमले में आतंकियों ने ताजमहल होटल को भी निशाना बनाया था। यहां 31 लोग मारे गए थे। मरने वालों की कुल संख्या 175 थी। - फाइल फोटो

मुंबई हमले में आतंकियों ने ताजमहल होटल को भी निशाना बनाया था। यहां 31 लोग मारे गए थे। मरने वालों की कुल संख्या 175 थी। – फाइल फोटो

दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राणा के प्रत्यर्पण को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है। एयरपोर्ट के बाहर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की सिक्योरिटी विंग और स्थानीय पुलिस मौजूद है।

केंद्र सरकार ने इस मामले में एडवोकेट नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर के तौर पर नियुक्त किया है। उन्हें तीन साल या फिर केस का ट्रायल पूरा होने तक यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

तहव्वुर ने भारत आने से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। उसने अपनी याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि अगर भारत डिपोर्ट किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है।

पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से दूरी बनाई

पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से दूरी बनाते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा की नागरिकता है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं।

तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।

राणा को भारत लाने को लेकर बुधवार को होम मिनिस्ट्री में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मीटिंग की।

अमेरिकी सरकार बोली- राणा का रोल साबित हुआ

अमेरिकी सरकार का कहना है, ‘हेडली ने बताया है कि राणा ने एक शख्स को आदेश दिया कि वो हेडली के लिए मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड ऑफिस खोलने से जुड़ी फर्जी कहानी को सच दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स बनाए। राणा ने ही हेडली को सलाह दी कि भारत विजिट करने के लिए वीजा कैसे हासिल करना है। ये सारी बातें ईमेल और अन्य दस्तावेजों से प्रमाणित हुई हैं।’

भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण के लिए उठाए 5 कदम

  • 2011 में भारत की NIA ने राणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
  • भारत ने 4 दिसंबर 2019 को पहली बार डिप्लोमैटिक चैनल्स से राणा के प्रत्यर्पण की मांग की।
  • 10 जून 2020 को राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग की।
  • फरवरी 2021 में भारत ने आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिकी न्याय विभाग को नोट भेजा।
  • 22 जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए।

अमेरिकी कोर्ट पहले खारिज कर चुका प्रत्यर्पण याचिका

13 नवंबर 2024 को राणा ने निचली अदालत के प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसे 21 जनवरी को खारिज कर दिया गया था। इससे पहले उसने सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में अपील की थी, जो खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत भेजा जा सकता है।

मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर राणा उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी।

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर राणा उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी।

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर राणा उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी।

पिछले साल कोर्ट में सरकारी वकीलों ने तर्क दिया था कि तहव्वुर इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है। तहव्वुर को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर तहव्वुर आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।

राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि राणा इस पूरी साजिश का हिस्सा था और इस बात की पूरी आशंका है कि उसने आतंकी हमले को फंडिंग करने का अपराध किया है।

तहव्वुर पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक

  • 64 साल का तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। तहव्वुर हुसैन पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
  • कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।

अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा

अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ’हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था। इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया।

अगले ही साल यही 12 कार्टून ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे, जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।



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