Wednesday, October 29, 2025

              नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की शर्तों को मंजूरी दी, एक जनवरी से लागू हो सकता है, 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनरों को फायदा होगा

              नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार, 28 अक्टूबर को 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी शर्तों को मंजूरी दे दी है। अब कमीशन बनेगा और वो अपनी सिफारिशें गठन की तारीख से 18 महीने के अंदर देगा। इसके बाद 1 जनवरी 2026 से नया वेतन मान लागू हो सकता है।

              हालांकि, पुराने ट्रेंड को देखते हुए सिफारिशों को पूरी तरह इम्प्लीमेंट होने में 2028 तक का इंतजार करना पड़ सकता है। यानी, कर्मचारियों को 17-18 महीने का एरियर एकमुश्त या किस्तों में मिलेगा। इससे 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।

              सरकार ने जनवरी 2025 में ही इस कमीशन के गठन का ऐलान किया था। अब टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी देने का मतलब ऐसे दस्तावेज से है जो बताता है कि आयोग का काम क्या है, काम कैसे होगा, कितने समय में होगा, कौन-कौन शामिल होंगे।

              समझिए 8वें वेतन मान का सैलरी कैलकुलेशन

              बेसिक सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, ये फिटमेंट फैक्टर और DA मर्जर पर निर्भर करता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। 8वें में ये 2.46 हो सकता है।

              हर वेतन आयोग में DA जीरो से शुरू होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नई बेसिक सैलरी पहले से ही महंगाई को ध्यान में रखकर बढ़ाई जाती है। इसके बाद DA फिर से धीरे-धीरे बढ़ता है।

              अभी DA बेसिक पे का 55% है। DA के हटने से टोटल सैलरी (बेसिक + DA + HRA) में बढ़ोतरी थोड़ी कम दिख सकती है, क्योंकि 55% DA का हिस्सा हट जाएगा।

              उदाहरण:

              मान लीजिए, आप लेवल 6 पर हैं और 7वें वेतन आयोग के हिसाब से आपकी मौजूदा सैलरी है:

              • बेसिक पे: ₹35,400
              • DA (55%): ₹19,470
              • HRA (मेट्रो, 27%): ₹9,558
              • टोटल सैलरी: ₹64,428

              8वें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट 2.46 लागू होता है, तो नई सैलरी होगी:

              • नई बेसिक पे: ₹35,400 x 2.46 = ₹87,084
              • DA: 0% (रीसेट)
              • HRA (27%): ₹87,084 x 27% = ₹23,513
              • टोटल सैलरी: ₹87,084 + ₹23,513 = ₹1,10,597

              फिटमेंट फैक्टर क्या है?

              ये एक मल्टीप्लायर नंबर है, जिसे मौजूदा बेसिक सैलरी से गुणा करके नई बेसिक सैलरी निकाली जाती है। वेतन आयोग इसे महंगाई और लिविंग कॉस्ट को ध्यान में रखकर तय करता है।

              पिछले वेतन आयोग कब बने, कब लागू हुए?

              • 5वां वेतन आयोग: ये अप्रैल 1994 में गठित हुआ था। रिपोर्ट जनवरी 1997 में सरकार को सौंपी गई, लेकिन सिफारिशें 1 जनवरी 1996 से ही लागू हो गईं। पहले 51 पे स्केल्स थे, इन्हें घटाकर 34 कर दिया।
              • छठा वेतन आयोग: ये 20 अक्टूबर 2006 को स्थापित हुआ रिपोर्ट मार्च 2008 में तैयार होकर सरकार के पास पहुंची। अगस्त 2008 में रिपोर्ट को मंजूरी मिली और सिफारिशें 1 जनवरी 2006 से लागू हुईं।
              • 7वां वेतन आयोग: फरवरी 2014 में ये बना और मार्च 2014 तक टर्म्स ऑफ रेफरेंस फाइनल हो गए। रिपोर्ट नवंबर 2015 में सौंपी गई। जून 2016 में सरकार ने अप्रूव किया और सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो गईं।

              कमीशन की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश रंजन प्रकाश देसाई करेंगी

              ये एक अस्थायी संस्था होगी। कमीशन में एक चेयरपर्सन, एक पार्ट-टाइम मेंबर और एक मेंबर-सेक्रेटरी होंगे। कमीशन की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजन प्रकाश देसाई करेंगी।

              ये कमीशन अपनी सिफारिशें गठन की तारीख से 18 महीने के अंदर देगा। जरूरत पड़ने पर, ये किसी भी मुद्दे पर सिफारिशें फाइनल होते ही इंटरिम रिपोर्ट्स भेजने पर विचार कर सकती है।

              सैलरी सिस्टम, पेंशन जैसे मुद्दों पर विचार करता है कमीशन

              सेंट्रल पे कमीशन को हर कुछ सालों में बनाया जाता है, ताकि सैलरी सिस्टम, पेंशन जैसे मुद्दों पर विचार किया जा सके। ये कमीशन देखता है कि क्या बदलाव जरूरी हैं और फिर सिफारिशें देता है। आम तौर पर, इन सिफारिशों को हर दस साल बाद लागू किया जाता है। इसी पैटर्न के हिसाब से 8वें सेंट्रल पे कमीशन की सिफारिशें भी 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है।


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