नई दिल्ली: यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने साफ किया है कि 12 अंकों वाला आधार नंबर सिर्फ पहचान का सबूत है, नागरिकता का नहीं। इसके अलावा UIDAI ने यह भी कहा है कि आधार कार्ड जन्म तिथि यानी डेट-ऑफ-बर्थ का भी प्रूफ नहीं है।
दरअसल, आधार कार्ड अब लगभग हर जरूरी सेवा से जुड़ चुका है, लेकिन कई लोग अभी भी कन्फ्यूजन में हैं कि क्या यह जन्म तिथि या भारतीय नागरिकता का सबूत बन सकता है। ऐसी ही अफवाहों को खत्म करने के लिए UIDAI ने यह क्लैरिफिकेशन दिया है।
डाक विभाग ने आदेश जारी किया
वहीं डाक विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि आधार नंबर का इस्तेमाल आधार धारक की पहचान साबित करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन यह नागरिकता, निवास प्रमाण या जन्म तिथि का पक्का सबूत नहीं है।
इसलिए जन्म तिथि साबित करने के लिए इसे अंतिम रूप से इस्तेमाल न करें। सरकार ने सभी डाकघरों को यह जानकारी सभी संबंधित लोगों तक पहुंचाने और पब्लिक एरिया में नोटिस बोर्ड पर लगाने का आदेश भी दिया है।
आधार अपडेट के लिए फीस बढ़ी
वहीं 1 अक्टूबर से आधार डिटेल्स अपडेट करना महंगा भी हो गया है। यह करीब 5 साल में पहली बढ़ोतरी है…
- नाम, पता या जन्म तिथि जैसे डेमोग्राफिक बदलाव: ₹50 से ₹75
- बायोमेट्रिक अपडेट: ₹100 से ₹125
नवजात शिशुओं के लिए आधार एनरोलमेंट और अपडेट फ्री रहेंगे। बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट 5 साल की उम्र में, 5-7 साल के बीच और 15-17 साल में अनिवार्य है। UIDAI का यह क्लैरिफिकेशन आधार के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए जरूरी है।

(Bureau Chief, Korba)




