वॉशिंगटन: अमेरिका में कमाए पैसों को भारत भेजने पर 3.5% टैक्स लगेगा। पहले 5% टैक्स का प्रस्ताव था। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 22 मई को ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ पारित कर दिया है। इस बिल में फॉरेन वर्कर्स द्वारा पैसों को अपने देश भेजने पर टैक्स लगाने का प्रावधान है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस नई पॉलिसी का सबसे बड़ा असर भारत पर पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय प्रवासी अमेरिका से सबसे अधिक रेमिटेंस भेजते हैं। रेमिटेंस यानी, प्रवासियों द्वारा अपने देश भेजा गया धन। सीनेट की मंजूरी के बाद 1 जनवरी 2026 से ये लागू हो जाएगा।
2023-24 में भारतीयों का रेमिटेंस लगभग 130 बिलियन डॉलर था। इसमें करीब 30 बिलियन डॉलर यानी 23.4% अमेरिका से आया। 45 लाख भारतीयों ने अमेरिका से ये पैसा भेजा।
3.5% टैक्स के लागू होने पर 30 बिलियन डॉलर के रेमिटेंस पर 1.05 बिलियन डॉलर यानी, करीब 8,750 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। ये भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने कल यानी, 22 मई को ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ पारित कर दिया है।
सवाल 1: डोनाल्ड ट्रंप का “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” क्या है?
जवाब: यह एक टैक्स बिल है, जिसके तहत अमेरिका में काम करने वाले विदेशी कामगारों द्वारा अपने देश भेजे जाने वाले धन (रेमिटेंस) पर टैक्स लगाया जाएगा। शुरुआत में टैक्स की दर 5% थी, लेकिन अब इसे घटाकर 3.5% कर दिया गया है।
सवाल 2: 1 लाख रुपए रेमिटेंस पर कितना टैक्स लगेगा?
जवाब: कैलकुलेशन:
टैक्स दर: 3.5% टैक्स = 1,00,000 × 3.5% = 1,00,000 × 0.035 = 3,500 रुपए
प्रवासियों को 1,00,000 रुपए भेजने के लिए 3,500 रुपए टैक्स के रूप में देना होगा।
सवाल 3: भारत के सालाना अमेरिकी रेमिटेंस पर टैक्स का प्रभाव क्या होगा? जवाब: कुल रेमिटेंस: 30 बिलियन डॉलर
टैक्स दर: 3.5%
टैक्स = 30 बिलियन × 0.035 = 1.05 बिलियन डॉलर (लगभग 8,750 करोड़ रुपए)
पहले 5% पर: 30 बिलियन × 0.05 = 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 12,500 करोड़ रुपए)
3.5% टैक्स दर से भारत को 0.45 बिलियन डॉलर (लगभग 3,750 करोड़ रुपए) कम नुकसान होगा, लेकिन फिर भी यह राशि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
सवाल 4: इस टैक्स का भारत पर सबसे बड़ा प्रभाव क्यों पड़ेगा?
जवाब: भारत अमेरिका से सबसे अधिक रेमिटेंस प्राप्त करता है, और भारतीय प्रवासी वहां बड़ी संख्या में काम करते हैं। 2023-24 में रेमिटेंस लगभग 130 बिलियन डॉलर था। इसमें से 30 बिलियन डॉलर यानी 23.4% अमेरिका से आता है।
3.5% टैक्स के लागू होने पर 30 बिलियन डॉलर के रेमिटेंस पर लगभग 1.05 बिलियन डॉलर (8,750 करोड़ रुपए) का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। यह धन भारत की अर्थव्यवस्था, रियल एस्टेट, स्टॉक मार्केट और कंजम्प्शन को बढ़ावा देता है।
सवाल 5: अमेरिकी सरकार ने ये टैक्स क्यों लगाया है?
जवाब: इस टैक्स का प्राथमिक लक्ष्य अमेरिकी सरकार के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है। उदाहरण के लिए, भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले 30 बिलियन डॉलर के रेमिटेंस पर 3.5% टैक्स से लगभग 1.05 बिलियन डॉलर (8,750 करोड़ रुपए) का राजस्व मिलेगा। यह धनराशि अमेरिकी सरकार के खजाने में जाएगी।
ट्रंप का दावा है कि यह टैक्स अमेरिकी अर्थव्यवस्था को “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” (MAGA) एजेंडे के तहत मजबूत करेगा। ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ में और भी कई तरह के टैक्स का प्रावधान है।

डोनाल्ड ट्रम्प इस बिल के जरिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना चाहते हैं।
सवाल 6: क्या अन्य देश भी इस टैक्स नीति को कॉपी कर सकते हैं?
जवाब: हां, कई देश अमेरिका की नीतियों से प्रेरित होकर रेमिटेंस टैक्स लागू कर सकते हैं। अगर यूरोप या अन्य देश 2-3% टैक्स भी लागू करते हैं, तो भारत पर इसका और गहरा प्रभाव पड़ेगा।
सवाल 7: भारत इस स्थिति से कैसे निपट सकता है?
जवाब: इसे तीन पॉइंट में जानते हैं…
- अमेरिका के साथ ट्रेड डील: भारत को रेमिटेंस टैक्स पर छूट या राहत के लिए बातचीत करनी चाहिए।
- वैकल्पिक देशों पर ध्यान: प्रवासियों को उन देशों में अवसर तलाशने होंगे जहां टैक्स कम हो।
- घरेलू नीतियां: रेमिटेंस पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू निवेश और रोजगार सृजन पर जोर देना होगा।
सवाल 8: क्या भारतीय प्रवासी अमेरिका जाना बंद कर देंगे?
जवाब: नहीं, भारतीय प्रवासी अमेरिका जाना बंद नहीं करेंगे, क्योंकि वहां रोजगार के अवसर आकर्षक हैं। हालांकि, कुछ प्रवासी कम पैसा भेज सकते हैं या वैकल्पिक देशों पर विचार कर सकते हैं, खासकर अगर टैक्स दर भविष्य में बढ़ती है।

(Bureau Chief, Korba)