इस्लामाबाद: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पहली बार माना है कि उसके सरगना मौलाना मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमले में मारे गए।
जैश के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह कहता है कि 7 मई को बहावलपुर में भारत की कार्रवाई में अजहर के परिवार के लोगों के टुकड़े-टुकड़े हो गए, उनका कीमा बन गया था।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में हमला किया था। ऑपरेशन के दौरान बहावलपुर समेत पाकिस्तान के अंदर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

सैटेलाइट तस्वीरों से भी मस्जिद के गुंबद और आसपास के ढांचों को गंभीर नुकसान की पुष्टि हुई।
मसूद के परिवार के 10 सदस्य मारे गए
बहावलपुर में हुए भारतीय हमले में मसूद के परिवार के 10 लोग मारे गए थे। इसके अलावा 4 सहयोगियों की भी मौत हुई थी। मरने वालों में मसूद की बड़ी बहन और उसका पति, मसूद का भतीजा और उसकी पत्नी, मसूद की एक भतीजी और उसके पांच बच्चे शामिल हैं।
इसके अलावा मसूद के 4 सहयोगी भी मारे गए थे। हमले के वक्त मसूद मौके पर नहीं था, इस वजह से उसकी जान बच गई थी।
बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी मसूद ने परिवार के लोगों के मरने के बाद एक बयान भी जारी किया था। इसमें उसने कहा था कि मैं भी मर जाता तो खुशनसीब होता।
मसूद अजहर कैसे बच गया और अभी कहां है?
मसूद अजहर सालों से बहावलपुर के चौक आजम इलाके के मरकज सुभानल्लाह नाम के कैंपस में ही रह रहा था।
साल 2011 तक इस कैंपस में सिर्फ एक मस्जिद थी, उसके बाद आतंकियों की ट्रेनिंग और बाकी एक्टिविटीज के लिए कैंपस में इमारतें और बाकी स्ट्रक्चर बढ़ता चला गया। सैटेलाइट इमेजेज के आधार पर इसका पूरा इलाका 18 एकड़ बताया जाता है।
फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद भारत की मांग पर संयुक्त राष्ट्र ने मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में डाला था। अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर पाकिस्तान ने कहा था कि जैश के बहावलपुर हेडक्वार्टर को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने मसूद की सिक्योरिटी और बढ़ा दी थी। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को इस तरह की स्ट्राइक का अंदेशा था, इसलिए माना जाता है कि मसूद को पहले ही वहां से शिफ्ट कर दिया गया था।
ले. ज. रामेश्वर रॉय के मुताबिक, ‘पाकिस्तान में मसूद को सेना का प्रोटेक्शन मिला हुआ है, लेकिन पाकिस्तान यह नहीं मानता कि मसूद उसकी जमीन पर मौजूद है। इसलिए पाकिस्तान मसूद अजहर के मारे जाने की बात छिपाने की कोशिश कर सकता है।’

एक थ्योरी ये भी है कि मसूद अफगानिस्तान में छिपा हुआ है, हालांकि ये दावा पाकिस्तान का है।
संसद हमले का मास्टरमाइंड है आतंकी अजहर
पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर 2001 में भारत की संसद पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है। इसके अलावा भी उसने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। मसूद 2016 में हुए पठानकोट हमले का भी मास्टरमाइंड है।
इस मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, मसूद ने भारत पर हमलों के लिए जैश-ए-मोहम्मद के कैडर का इस्तेमाल किया था। उसने 2005 में अयोध्या में राम जन्मभूमि और 2019 में पुलवामा में CRPF के जवानों पर भी हमला करवाया था।
इसके अलावा मसूद 2016 में उरी हमले और अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय कॉन्सुलेट पर अटैक का भी जिम्मेदार है।
1994 में पहली बार भारत आया था मसूद अजहर
मसूद अजहर पहली बार 29 जनवरी, 1994 को बांग्लादेश से विमान में सवार होकर ढाका से दिल्ली पहुंचा था। 1994 में अजहर फर्जी पहचान बनाकर श्रीनगर में दाखिल हुआ था। उसका मकसद हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी और हरकत-उल-मुजाहिदीन गुटों के बीच तनाव कम करना था।
इस बीच भारत ने उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए अनंतनाग से गिरफ्तार कर लिया था। तब अजहर ने कहा था- कश्मीर को आजाद कराने के लिए 12 देशों से इस्लाम के सैनिक आए हैं। हम आपकी कार्बाइन का जवाब रॉकेट लॉन्चर से देंगे।
इसके 4 साल बाद जुलाई 1995 में जम्मू-कश्मीर में 6 विदेशी टूरिस्ट्स को अगवा कर लिया गया। किडनैपर्स ने टूरिस्ट के बदले मसूद अजहर को रिहा करने की मांग की। इस बीच अगस्त में दो टूरिस्ट किडनैपर्स की कैद से भागने में कामयाब हो गए। हालांकि बाकियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
1999 में विमान हाईजैक के बाद भारत सरकार ने अजहर को छोड़ा

तस्वीर 1999 की है, जब आतंकी भारत के एक विमान को हाईजैक करके अफगानिस्तान ले गए थे।
24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रहे एक भारतीय विमान को अजहर के भाई सहित दूसरे आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था। वो इसे अफगानिस्तान के कंधार ले गए, जहां उस वक्त तालिबान का शासन था। विमान में कैद लोगों के बदले मसूद अजहर सहित 3 आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई।
आतंकियों की मांग पूरी हुई और मसूद आजाद हो गया। इसके बाद वह पाकिस्तान भाग गया। चीनी सरकार UNSC में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने से कई बार बचा चुकी है। 2009 में अजहर को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में शामिल करने के लिए पहली बार प्रस्ताव आया था। तब लगातार 4 बार चीन ने सबूतों की कमी का हवाला देकर प्रस्ताव पास नहीं होने दिया।
2019 में वैश्विक आतंकी घोषित हुआ
अक्टूबर 2016 में चीन ने फिर से भारत के प्रस्ताव के खिलाफ जाकर UNSC में अजहर को बचा लिया। इसके बाद 2017 में अमेरिका ने UNSC में अजहर को आतंकी घोषित करने की मांग उठाई, लेकिन चीन फिर से बीच में आ गया।
आखिरकार, मई 2019 में चीन ने अपना अड़ंगा हटा दिया और UNSC में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया गया।

(Bureau Chief, Korba)