पाकिस्तान: इस्लामाबाद के प्रेस क्लब पर गुरुवार को पुलिस ने अचानक छापा मारा और वहां प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों और लोगों पर हमला किया। यह प्रदर्शन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में अत्याचारों और इंटरनेट ब्लैकआउट के खिलाफ हो रहा था।
इस घटना के बाद पूरे पाकिस्तान में नाराजगी जाहिर की गई। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना से जुड़े कई वीडियो वायरल हैं जिनमें पुलिस पत्रकारों पर लाठियां चला रहे हैं।
पत्रकारों की पिटाई के 4 फुटेज…

पाकिस्तानी पुलिस ने एक पत्रकार को डंडों से बुरी तरह पीटा।

3 पुलिसकर्मी एक पत्रकार को खींचकर ले जाने की कोशिश करते हुए।

वीडियो में पुलिस को कुछ प्रदर्शनकारियों को घसीटते हुए बाहर निकालते हुए भी दिखाया गया है।

पुलिस ने कैफेटेरिया में घुसकर पत्रकारों को पीटा।
पुलिस बोली- गलती से पत्रकारों की पिटाई हुई
इस बीच पुलिस का कहना है कि उन्होंने पत्रकारों को गलती से निशाना बनाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह तब हुआ जब PoK की स्थिति को लेकर प्रेस क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए पुलिस पहुंची।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई। कुछ प्रदर्शनकारी भाग कर प्रेस क्लब में घुस गए। पुलिस उनका पीछा करती हुई प्रेस क्लब के अंदर चली गई। अंदर पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू किया और पत्रकारों ने जब मोबाइल और कैमरे से रिकॉर्ड करने की कोशिश की, तो उन्हें भी पीटा गया।
प्रेस क्लब के कम से कम दो फोटोग्राफर और तीन कर्मचारी घायल हुए। कई पत्रकारों के कैमरे और मोबाइल तोड़ दिए गए।
गृह राज्य मंत्री ने पत्रकारों से माफी मांगी
पुलिस हमले के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद व्यापक आक्रोश फैल गया। वरिष्ठ पत्रकारों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला करार दिया। गृह मंत्री ने घटना की जांच का आदेश दिया। नकवी ने यह भी कहा कि पत्रकारों पर हिंसा किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं होगी और इसमें शामिल पुलिसकर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी प्रेस क्लब पहुंचे और पत्रकारों से माफी मांगी। चौधरी ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से बदसलूकी की थी और पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए क्लब के भीतर चली गई, लेकिन वहां पत्रकारों के साथ झड़प हो गई।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “आपकी आवाजें ही हमें जनता तक पहुंचाती हैं, हम बोलने की आजादी के समर्थक हैं।”

चौधरी ने भरोसा दिलाया कि सरकार जांच कराएगी और जिम्मेदारों को सजा मिलेगी।
POK में सब्सिडी कटौती के विरोध में प्रदर्शन
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में बुनियादी जरूरतों पर सब्सिडी कटौती के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं।
ये प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) की अपील पर हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई कंट्रोल न कर पाने का आरोप लगा रहे हैं।
लोगों का हुजूम आज PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद की तरफ मार्च कर रहा है। इन्होंने सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं, जिनमें PoK विधानसभा की 12 रिजर्व सीटें खत्म करने की मांग शामिल है।
सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं, जिनमें 3 प्रमुख हैं…
- पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए बनी 12 विधानसभा सीटें खत्म करने की मांग।
- बिजली परियोजनाओं में लोकल लोगों के फायदे को ध्यान रखा जाए।
- आटे और बिजली के बिलों पर छूट देने की मांग, क्योंकि महंगाई से लोग परेशान हैं।
प्रदर्शनकारियों ने 25 पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक बनाया

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को सुरक्षाबलों के 25 सैनिकों को बंधक बना लिया। वे इनका इस्तेमाल मानव ढाल की तरह कर रहे थे। इससे सुरक्षा बल कोई सीधी कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि खुफिया एजेंसियां आंदोलन को तोड़ने के लिए गुप्त हमले करा रही हैं। सादे कपड़ों में आए अज्ञात लोग नेताओं को निशाना बनाते हैं और भीड़ में अफरातफरी फैलाते हैं।

(Bureau Chief, Korba)