छत्तीसगढ़: जांजगीर-चांपा में किसान से घूस लेकर भी काम नहीं करने वाले पटवारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। किसान ने डरा धमकाकर रुपए मांगने की शिकायत नायब तहसीलदार से की थी। इसके बाद नायब तहसीलदार ने पामगढ़ थाने में FIR दर्ज करा दी। जिले में यह अपनी तरह से पहला मामला है। एक दिन पहले ही पटवारी को सस्पेंड किया गया था।
पामगढ़ के नायब तहसीलदार अभिजीत राजभानु ने हल्का नंबर 23 के पटवारी देवेंद्र कुमार साहू के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इसमें बताया गया है कि 31 मई को कोड़ाभाठ के किसान राजकुमार कुर्रे ने पटवारी के खिलाफ उनको शिकायत दी है। आरोप लगाया है कि उसे डरा धमका कर काम कराने की एवज में 4000 रुपए वसूले गए। इसके बाद भी उसका काम नहीं किया गया।
किसान ने रुपए लेते पटवारी का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था।
3 अप्रैल को 500-500 के 8 नोट लिए थे पटवारी ने
दरअसल, पामगढ़ तहसील के कोड़ाभाठ गांव के किसान राज कुमार कुर्रे को पैसों की जरूरत थी। वह अपनी जमीन बेचना चाहता था, लेकिन नक्शा राजस्व रिकार्ड में दुरूस्त नहीं था। इसके चलते नक्शा अपडेट कराने के लिए वह हल्का नंबर 23 के पटवारी देवेंद्र साहू के पास चक्कर लगा रहा था। आरोप है कि कई बार चक्कर लगाने के बाद पटवारी ने उससे 4 हजार रुपए मांगे।
एक दिन पहले ही पटवारी को किया गया था सस्पेंड
किसान राज कुमार तय तिथी पर पटवारी कार्यालय पहुंचा और 500-500 के 8 नोट उसके हाथ में थमा दिए। पटवारी ने भी रुपए मेज की दराज में रख लिए। इस दौरान किसान ने अपने सहयोगी की मदद से उसका वीडियो बना लिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक ही दिन पहले ही पामगढ़ SDM भास्कर सिंह मरकाम ने पटवारी को सस्पेंड कर दिया था।
एक दिन पहले ही पटवारी को किया गया था सस्पेंड।
तीन साल की सजा का प्रावधान, नही कर सकते समझौता
कानूनविदों के अनुसार IPC की धारा 384 के तहत किसी व्यक्ति को मृत्यु या गंभीर आघात के भय में डालकर जबरदस्ती वसूली करना की प्रवृत्ति का अपराध शामिल है। जबरदस्ती वसूली करने पर तीन साल तक की सजा या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।