रायपुर: छत्तीसगढ़ में पटवारियों की हड़ताल अब खत्म हो गई है। गुरुवार को राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने इसका ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि जनता के काफी सारे काम रुके हुए हैं, हम जनहित में हड़ताल खत्म करने का फैसला ले रहे हैं। इधर हड़ताल खत्म करते ही पटवारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सीएम आवास पहुंचकर मुलाकात की है।
भागवत कश्यप ने कहा- छात्र हित को देखते हुए, खेती किसानी का भी समय चल रहा है, जन हित काे देखते हुए हड़ताल स्थगित कर रहे हैं। पिछले करीब 1 महीने से पटवारी हड़ताल पर थे। सरकार ने एस्मा लगाया, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ। नतीजा ये हुआ कि राजस्व का पूरा कामकाज ठप पड़ गया है। न तो सीमांकन हो रहा और न ही आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बन रहे हैं। उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है और अभी प्रवेश शुरू होने वाले हैं, ऐसे में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी भी परेशान हो रहे थे।
पटवारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है।
राजस्व सचिव की फटकार का असर
पटवारियों के इस हड़ताली रवैये से अफसर खुश नहीं थे। 7 जून को एस्मा लगाने के बाद भी सरकार ने सख्ती नहीं की है। इस बारे में भास्कर ने सीधे राजस्व सचिव एनएन एक्का से सवाल किया कि एस्मा लगा दिया गया और फिर भी पटवारी हड़ताल पर हैं, इस पर सचिव एनएन एक्का ने कहा,आखिरी मौका दे दिया गया है। अब अगर काम पर नहीं लौटे, तो नौकरी जाएगी। बात खत्म। गुरुवार को जब ये बयान सामने आया तो रात में पटवारियों ने हड़ताल स्थगित कर दी।
इन मांगों पर कर रहे थे हड़ताल
- पटवारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जाए।
- वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति हो।
- कार्यालय, संसाधन और भत्ते दिए जाएं।
- स्टेशनरी का भत्ता दिया जाए ।
- अन्य हल्के का अतिरिक्त प्रभार मिलने पर भत्ता मिले।
- पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक करने की मांग ।
- मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त की जाए ।
- बिना विभागीय जांच के पटवारियों पर एफआईआर दर्ज न की जाए।
बता दे कि, पटवारी संघ 15 मई से हड़ताल पर थे। पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आम जनता के राजस्व संबंधी कार्यों को निपटाने में काफी कठिनाई आ रही थी। शुक्रवार से फिर पटवारी अपने काम पर लौटेंगे।