- ‘दूरस्थ अंचलों के अस्पतालों को भी साधन संपन्न बनाया जा रहा’
- मुख्यमंत्री ने कायाकल्प योजना के अंतर्गत प्रदेश के 12 अस्पतालों को किया पुरस्कृत
- जगदलपुर जिला अस्पताल, जनकपुर सीएचसी, लुण्ड्रा पीएचसी और कांकेर के श्रीराम नगर यूपीएचसी को मिला प्रथम पुरस्कार
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कायाकल्प: स्वच्छ अस्पताल योजना अंतर्गत राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में स्वच्छ अस्पताल योजना अंतर्गत चयनित अस्पतालों को पुरस्कार वितरित कर उनके बेहतर प्रबंधन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वस्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिससे लोगों को सुगम इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सके। यही वजह है कि अब शासकीय अस्पतालों में सुविधाओं के तेजी से हो रहे विस्तार से लोगों का विश्वास बढ़ने लगा है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनता तक पहुंचाना और स्वास्थ्य अधोसंरचना को बेहतर बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट के समय कई तरह की चुनौती के दौर से हमें गुजरना पड़ा। उस समय पूरी मानवता पर संकट आया था। ऐसे संकट के दौर में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों, डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ ने अपनी जान की परवाह किए बिना मानवता की सेवा की, जो एक मिसाल है। राज्य में बेहतर प्रबंधन के फलस्वरूप अपने राज्य के ही नहीं अपितु देश के अन्य राज्यों के लोगों ने भी इसका लाभ उठाया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों विशेषकर पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में वर्तमान में स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से पहुंच रही है। वहां चलाए जा रहे हाट बाजार क्लीनिक योजना भी काफी सफल साबित हो रही है। इसके जरिए अब तक राज्य के ग्रामीण अंचलों में डेढ़ लाख से अधिक हाट बाजार क्लीनिक योजना का आयोजन हो चुका है। इनमें 84 लाख से अधिक मरीजों को सीधा लाभ मिला। हाट बाजार क्लीनिक योजना से लोगों को उपचार के साथ-साथ निःशुल्क दवाईयां और पैथोलॉजी की सुविधाएं मिल रही है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य अमले ने कोरोना काल में खतरों और चुनौतियों के बीच अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी पूर्ण किया। पिछले कुछ वर्षों में शासकीय अस्पतालों में स्वच्छता को प्राथमिकता में लेकर इस पर खास ध्यान दिया जा रहा है। अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण के लिए अच्छी अधोसंरचना, उपकरण, दवाईयां और पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग के समर्पित स्टॉफ दुर्गम और पहुंचविहीन क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रहे हैं।
इन 12 अस्पतालों को मिला पुरस्कार
राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में जिला चिकित्सालय श्रेणी में जगदलपुर जिला अस्पताल को प्रथम और मुंगेली जिला अस्पताल को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रथम और मुंगेली जिले के लोरमी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को द्वितीय पुरस्कार मिला। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में सरगुजा जिले के लुण्ड्रा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रथम और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बरपाली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में कांकेर का श्रीराम नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रथम और कोरबा का गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वितीय स्थान पर रहा।
वहीं उप स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के खजूरी उप स्वास्थ्य केन्द्र, कोरबा के गढ़-उपरोड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र और सूरजपुर के जूर उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्रथम पुरस्कार तथा सूरजपुर के ही डेडरी उप स्वास्थ्य केन्द्र को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। जिला अस्पताल की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 लाख रूपए और द्वितीय पुरस्कार के रूप में 20 लाख रूपए, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में 15 लाख रूपए और द्वितीय पुरस्कार के रूप में 10 लाख रूपए, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहे दोनों अस्पतालों को दो-दो लाख रूपए, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में दो लाख रूपए और द्वितीय पुरस्कार के रूप में डेढ़ लाख रूपए तथा उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाले अस्पतालों को एक-एक लाख रूपए और द्वितीय पुरस्कार के विजेता अस्पताल को 50 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई।
समारोह में कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्यों के लिए एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन नागरकर, रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के डॉ. ओ.पी. सुंदरानी और वैक्सीनेटर श्रीमती वृंदा को भी सम्मानित किया गया। टीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्यों के लिए गरियाबंद जिले को भी पुरस्कृत किया गया। राज्य स्तरीय कायाकल्प पुरस्कार समारोह में सीजीएमएससी के अध्यक्ष डॉ. प्रीतम राम, स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान और सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक श्री चंद्रकांत वर्मा भी मौजूद थे।