दुर्ग: जिले में छोटे-छोटे बच्चों से अननेचुरल सेक्स करने का मामला सामने आया है। आरोपी पुजारी बच्चों को चॉकलेट और मोबाइल देने के बहाने अपने पास बुलाता था। इसके बाद उनसे अप्राकृतिक सेक्स करता था। दुर्ग सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
सिटी कोतवाली प्रभारी महेश ध्रुव ने बताया कि उनके पास दुर्ग के एक मोहल्ले से कुछ महिलाएं शिकायत लेकर आई थीं। उन्होंने बताया कि महमरा एनीकट में दाह संस्कार और पूजा-पाठ करने वाले शिशुपाल महाराज ने उनके बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए हैं।
थाना प्रभारी आरोपी को खुद अपनी कार में लेकर गए मेडिकल जांच करवाने के लिए।
कई-कई दिनों तक बच्चों को पास रख लेता था आरोपी
महिलाओं ने बताया कि शिशुपाल महाराज उनके बच्चों को चॉकलेट और मोबाइल देने के बहाने अपने पास बुलाता था। वो उन्हें वहीं अपने पास कई-कई दिन रखता और खाना-पीना भी देता था।
खाने और मोबाइल के लालच में जाते थे बच्चे
खाने और मोबाइल के लालच में मोहल्ले के 6-7 बच्चे अक्सर उसके पास चले जाते थे। शुक्रवार को मोहल्ले की महिलाएं अपने बच्चों को ढूंढने शिशुपाल के पास पहुंचीं थी। उन्होंने अपने बच्चों को डांटकर पूछा कि वो उसके पास रोज क्यों जाते हैं। इसके बाद बच्चों ने बताया कि अंकल उन्हें मोबाइल देते हैं, जिसमें वे गेम खेलते हैं और कार्टून देखते हैं।
चॉकलेट देने के बहाने अंदर ले जाता था
इनमें से कुछ बच्चों ने बताया कि वो चॉकलेट देने के बहाने उन्हें अंदर ले जाता है और उनके साथ गलत काम करता है। पुलिस ने आरोपी शिशुपाल के खिलाफ धारा 377, 506 और पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6 के तहत मामला दर्ज किया है। उसकी गिरफ्तारी भी हो गई है।
दुर्ग कोतवाली पुलिस स्टेशन।
पहले भी मिली थी इस तरह की शिकायत
पुलिस के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ इस तरह की पहले भी शिकायत मिल चुकी है। वो इससे पहले दुर्ग में पूजा-पाठ करता था और वहीं रहता था। वहां भी कुछ बच्चों को अपने पास बुलाता था और लालच देकर उनके साथ अननेचुरल सेक्स करता था। उस समय उसे समझा बुझाकर छोड़ दिया गया था। इस बार आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
दुर्ग कोतवाली प्रभारी महेश ध्रुव घटना की जानकारी देते हुए।
अपनी बहन के साथ रहता है आरोपी
शिशुपाल 46 साल का है। उसकी शादी नहीं हुई है। सत्ती चौरा के पास अपनी बहन के साथ रहता है। वह इतना शातिर है कि ऐसे बच्चों को निशाना बनाता था, जिनके माता-पिता न हों। पुलिस ने 2-3 ऐसे बच्चों का पता लगाया है, जिनके माता-पिता नहीं हैं और वो अपनी दादी के पास रहते हैं। वो बच्चे शिशुपाल के पास 5-6 दिनों तक रुक जाते थे।
(Bureau Chief, Korba)