Saturday, April 27, 2024
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छत्तीसगढ़: स्कूल नहीं आते प्रिंसिपल.. बच्चों का हंगामा; कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्र, बोले- ये सिर्फ सिग्नेचर करने आते हैं, पढ़ाई लिखाई करवाने में इनकी कोई रुचि नहीं, हमारा भविष्य खराब हो रहा…

कवर्धा: 14 नवंबर को बाल दिवस के मौके पर जब सभी स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे, तभी कवर्धा जिले एक स्कूल के बच्चे प्रभारी प्राचार्य से परेशान होकर धरना देने बैठ गए। ये उससे इतना परेशान हैं कि सभी कलेक्ट्रेट पहुंच गए और हंगामा करने लगे। फिर बताया कि ये कभी स्कूल नहीं आते, आते भी हैं तो समय पर नहीं आते और सिग्नेचर करके चले जाते हैं। इनकी पढ़ाई लिखाने करवाने में कोई रुचि नहीं है। इस वजह से हमारा भविष्य खराब हो रहा है।

दोपहर के वक्त पंडरिया ब्लॉक के ग्राम दामापुर बाजार हायर सेकेंडरी स्कूल के 100 से ज्यादा बच्चे अचानक से कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां आते ही इन्होंने साफ कह दिया कि हमें कलेक्टर से मिलना है। मगर इन्हें रोक लिया गया। इसके बाद बच्चे गेट पर ही बैठकर धरना देने लगे। अपने प्रभारी प्राचार्य वेदराम पात्रे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

धरना देने बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे थे।

धरना देने बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे थे।

ट्रांसफर हो गया, पर रिलीव नहीं किया

इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी व प्रभारी डीईओ एमके गुप्ता ने बच्चों से चर्चा की। तब बच्चों ने अपनी बात अधिकारियों के सामने रखी। बच्चों ने यह भी बताया कि प्रभारी प्राचार्य का कुछ महीने पहले बेमेतरा जिले के गाड़ामोर हायर सेकेंडरी स्कूल में तबादला भी हो चुका है। इसके बाद भी उन्हें रिलीव तक नहीं किया जा रहा है। मौके पर मौजूद अफसरों ने करीब 4 से 5 बच्चों को कलेक्टर जन्मेजय महोबे से मुलाकात कराई। बच्चों ने अपनी शिकायत कलेक्टर के सामने रखी। कलेक्टर ने प्रभारी डीईओ एम के गुप्ता को संबंधित प्राचार्य को तुरंत रिलीव करने के निर्देश दिए हैं।

बच्चों से अधिकारियों ने बात की।

बच्चों से अधिकारियों ने बात की।

बाहर के लोग स्कूल आ जाते हैं

बच्चों ने यह भी अपनी शिकायत में बताया कि स्कूल में प्राचार्य नहीं रहते। इस कारण से स्कूल में बाहर के लोग प्रवेश कर लेते हैं। इससे स्कूल की सुरक्षा को खतरा है। क्योंकि यहां लड़कियां भी पढ़ाई करती हैं। उन्होंने बताया कि प्राचार्य आमतौर पर स्कूल की छुट्टी होने के दौरान ही आते हैं। इस स्कूल में करीब 900 से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। प्राचार्य के नहीं रहने के कारण पढ़ाई लिखाई ठीक से नहीं हो पाती है।

परिजन परेशान, शिकायत के बाद हुआ था तबादला

बताया जा रहा है कि इस प्राचार्य की हरकत से बच्चों के परिजन भी परेशान हैं। इस वजह से उन्होंने उसकी शिकायत मंत्री से भी की थी। जिसके बाद ही उसका तबादला किया गया था। लेकिन यहां के अफसर उसे रिलीव ही नहीं कर रहे। जिसके कारण ये परेशानी और बढ़ रही है।

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