BILASPUR: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ब्रांडेड कंपनी के नाम से डुप्लीकेट कपड़ों की बिक्री की जा रही थी, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने एसएस कलेक्शन में छापेमारी कर संचालक को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में दुकान से लाखों रुपए का ब्रांडेड कंपनी के कपड़ों का नकली उत्पाद बरामद किया गया है। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
TI प्रदीप आर्य ने बताया कि मुंबई निवासी दीपेश गुप्ता (30) नेत्रिका कंसल्टिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में सीनियर फील्ड मैनेजर और जांच अधिकारी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि, पुराना बस स्टैंड कश्यप कॉलोनी स्थित एसएस कलेक्शन में लिवाइस कंपनी के नाम से डुप्लीकेट कपड़े बेचे जा रहे हैं, जिसकी शिकायत पर कंपनी की तरफ से उन्होंने जांच की है।
कंपनी के नाम से नकली उत्पाद बेचने वाले तेलीपारा निवासी दुकान संचालक विजय कुमार आडवानी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उनकी शिकायत पर पुलिस ने कंपनी के अधिकारियों के साथ एसएस कलेक्शन में दबिश दी, जहां लिवाइस कंपनी के डुप्लीकेट कपड़ों को जब्त किया गया। संचालक विजय कुमार आडवानी (50) को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कॉपी राइट एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।
एसएस कलेक्शन में ब्रांडेड कपड़ों के नाम से बिक रहा था नकली उत्पाद।
लाखों रुपए का नकली उत्पाद बरामद
इस कार्रवाई के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने पुलिस को नकली उत्पाद की पहचान कराई, जिसके बाद पुलिस ने दुकान से लिवाइस ब्रांड लगे 189 जींस पैंट, 68 नटी-शर्ट, 160 ट्रैक पेंट बरामद किया, जिसकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है। पुलिस ने कपड़ों को जब्त कर लिया है। इस कार्रवाई में कोतवाली थाने के हेड कांस्टेबल निर्मल सिंह, आरक्षक गोकुल जांगड़े, प्रेम सूर्यवंशी, नुरुल कादिर, अजय शर्मा सहित अन्य शामिल थे।
कंपनी ही नहीं ग्राहकों को भी लगाया चूना
कंपनी के अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि ब्रांडेड कंपनी के नाम से डुप्लीकेट कपड़ों की बिक्री कर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। यही नहीं इस तरह से लोगों को झांसे में लेकर कंपनी के नाम से ग्राहकों के साथ भी धोखा किया जा रहा था। ग्राहक दुकान से ब्रांडेड कंपनी का सामान होने का भरोसा करके खरीद रहे थे। लेकिन, उन्हें ब्रांड के नाम से डुप्लीकेट और लोकल कपड़े देकर कंपनी का नाम खराब किया जा रहा था।
शहर में राशन से लेकर कपड़े तक बिक रहे नकली
शहर में इन दिनों नकली सामान बेचने की होड़ सी मची हुई है। डिटरजेंट से लेकर कपड़े और इलेक्ट्रानिक सामानों के साथ ही अब खाने-पीने के सामान भी नकली बिकने लगे हैं। ब्रांडेड और नामचीन कंपनियों के नाम से डुप्लीकेट और लोकल सामान बेधड़क बेचे जा रहे हैं। नकली सामानों का कारोबार अब शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र तक फैल चुका है। फिर भी जिले के फूड विभाग के अफसर इसे लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह पूरा अवैध कारोबार उनकी मिलीभगत से चल रहा है।