- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई
- कार्यकर्ता के 50 प्रतिशत रिक्त पदों पर आंगनबाड़ी सहायिकाओं की होगी भर्ती
- भर्ती के लिए सहायिकाओं के 10 वर्ष के अनुभव को कम कर 05 वर्ष किया गया
- मंत्रालय से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आदेश जारी
रायपुर: महिलाओं तथा बच्चों के पोषण एवं टीकाकरण हेतु प्रदेश भर में संचालित 46 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मानदेय वृद्धि के बाद एक और बड़ी सौगात मिली है। राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया गया है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों पर आंगनबाड़ी सहायिकाओं से पदपूर्ति को 25 प्रतिशत को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। साथ ही भर्ती के लिए आवश्यक 10 वर्ष के अनुभव को कम करके 05 वर्ष कर दिया गया है।इस संबंध में मंत्रालय से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 14 सितंबर को आदेश जारी कर दिया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस वर्ष प्रस्तुत 2023-24 के बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों को पूरा करते हुए उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। जारी आदेश के अनुपालन में 01 अप्रैल 2023 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मासिक मानदेय की राशि 6 हजार 500 रूपए प्रति माह से बढ़ाकर 10 हजार रूपए दी जा रही है। इसी तरह आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3 हजार 250 रूपए से बढ़ाकर 5 हजार और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 7 हजार 500 रूपए प्रति माह कर दिया गया है। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मृत्यु पर अनुग्रह राशि और सेवानिवृत्ति पर एक मुश्त भुगतान का प्रावधान किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मृत्यु पर अनुग्रह राशि में वृद्धि करते हुए वर्तमान में 50 हजार रूपये प्रदान किया जा रहा है। इसी तरह सेवानिवृित्त पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 50 हजार रूपये तथा सहायिकाओं को 25 हजार रूपये भुगतान का प्रावधान है।