Wednesday, May 8, 2024
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BCC News 24: छत्तीसगढ़- रायपुर इलेक्ट्रिक वाहन में सबसे आगे.. सड़कों पर ई-रिक्शा मिलाकर लगभग 4 हजार वाहन; 8 चार्जिंग स्टेशन भी शुरू, 20 और जल्द चालू करने की तैयारी 

छत्तीसगढ़: राजधानी रायपुर ई-व्हीकल के मामले में न सिर्फ सबसे आगे है, बल्कि यह अकेला शहर है जहां सार्वजनिक स्थानों पर चार्जिंग स्टेशनों की संख्या इसी महीने 10 के पार हो जाएगा। नवा रायपुर के दो दफ्तरों में चार्जिंग स्टेशन शुरू हो गए हैं। शहर में ही डंगनिया बिजली ऑफिस और क्रेडा दफ्तर में चार्जिंग स्टेशन कम कर रहा है। तीन पेट्रोल पंपों में चार्जिंग शुरू कर दी गई, चौथी में इसी हफ्ते शुरू हो जाएगी। यही नहीं, स्मार्ट सिटी राजधानी के सार्वजनिक स्थानों में 20 चार्जिंग स्टेशन शुरू करने जा रही है।

ये दोनों मल्टीलेवल पार्किंग, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, कुछ ऑटो स्टैंड और तीन-चार बड़े बाजारों के आसपास लगेंगे। वजह ये है कि केवल राजधानी में आज की तारीख में 4 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ रहे हैं। इनमें ई-रिक्शे सबसे ज्यादा, इसके बाद बाइक और कारों का नंबर है। कुछ बड़ी बाइक कंपनियां यहां जल्दी ही ई-बाइक लांच करने जा रही हैं, जिससे शहर में बिक्री बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा कुछ सरकारी विभागों ने भी अगली खेप में ई-वाहन खरीदने की तैयारी कर ली है, इसलिए यहां चार्जिंग स्टेशनों पर काम तेज कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार क्रेडा ने वीआईपी रोड स्थित अपने दफ्तर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाया है। क्रेडा ने एक इलेक्ट्रिक कार और 6 ऑटाे खरीदे है। कार में अधिकारी चलते हैं, ऑटो का उपयोग कर्मचारी कर रहे हैं। बिजली विभाग ने भी एक इलेक्ट्रिक कार खरीदी है और डंगनिया दफ्तर में चार्जिंग स्टेशन बना लिया है। पर्यावरण विभाग ने भी एक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदकर पर्यावास भवन में चार्जिंग स्टेशन शुरू कर दिया है। सरकारी अफसरों की मानें तो राजधानी के अधिकांश विभागों में गाड़ियों की आने वाली खेप ई-व्हीकल्स की ही होगी।

प्रदेश में साढ़े 10 हजार ई-व्हीकल
परिवहन विभाग के अनुसार राज्य में 10.5 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं, जिनमें 4700 बाइक और स्कूटर है। 3635 से ज्यादा ई-रिक्शा हैं। कार की संख्या 100 से अधिक हो गई है। अन्य वाहन (ई-साइकिल और छोटे लोडर) भी 21सौ से अधिक हैं। केवल राजधानी में 4000 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं, जिनमें ई-रिक्शा 2060 हो गए हैं।

ये मालवीय रोड, जीई रोड और एमजी रोड पर चल रहे हैं। तकरीबन 900 हजार स्कूटर और बाइक शामिल हैं। अभी लगभग सभी गाड़ियां लोग अपने घरों में ही चार्ज कर रहे हैं, क्योंकि चार्जिंग स्टेशन नहीं है।

पाॅलिसी में सब्सिडी का भी प्रावधान
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर दीपांशु काबरा ने बताया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की पाॅलिसी बनाने के लिए कुछ राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर रहे हैं। ऐसी पॉलिसी बनाई जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का लोग उपयोग करें। पॉलिसी में इसके इंफ्रास्ट्रेक्चर, सेलिंग, सबसिडी से लेकर अन्य चीजों को लेकर चर्चा की जा रही है।

दो यूनिट बिजली में 100 किमी
बिजली अफसरों के मुताबिक एक बाइक 2 यूनिट बिजली में चार्ज होती है। इससे बाइक 90-100 किमी चलती है। कार 10 यूनिट में चार्ज होकर 80-90 किमी चल सकती है। ई-रिक्शे की चार बैटरियां घरों में 8 घंटे में चार्ज हो रही हैं। एक बार में 50 रुपए खर्च आता है। एक बैटरी 25 किमी और चारों मिलाकर 100 किमी चलती हैं।

चूंकि चार्जिंग प्रक्रिया धीमी है, इसलिए चार्जिंग स्टेशनों में स्लो और फास्ट चार्जिंग की तकनीक भी आ गई है। स्लो चार्जिंग स्टेशन बनाने का खर्च डेढ़ से ढाई लाख रुपए है। यह एक कार को 5 घंटे में चार्ज करेगा। वक्त ज्यादा लगता है, इसलिए फास्ट चार्जिंग का कांसेप्ट आया है। इसका सेटअप 20-25 लाख रुपए का है, लेकिन एक घंटे में कार चार्ज हो जाएगी। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग को नोडल बनाया है।

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