Sunday, November 24, 2024
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रायपुर: मूल्य एवं सिद्धांतों पर आधारित पत्रकारिता करना सबसे बड़ी चुनौती – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

  • मुख्यमंत्री शामिल हुए मायाराम सुरजन जन्मशती एवं देशबन्धु पत्र समूह के स्थापना दिवस समारोह में 

रायपुर (BCC NEWS 24): मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वर्तमान समय में मीडिया परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। आज के समय में सिद्धांतों और मूल्य आधारित पत्रकारिता करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। अपने 65 बरस की यात्रा में देशबन्धु अपने सिद्धांतों पर अडिग रहा कभी मूल्यों से समझौता नहीं किया। श्री बघेल आज मायाराम सुरजन जन्मशती एवं देशबन्धु के 65 वां स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देशबन्धु पत्र समूह के संस्थापक स्वर्गीय श्री मायाराम सुरजन और स्वर्गीय श्री ललित सुरजन को नमन किया। 

मूल्य एवं सिद्धांतों पर आधारित पत्रकारिता करना  सबसे बड़ी चुनौती
मुख्यमंत्री शामिल हुए मायाराम सुरजन जन्मशती एवं  देशबन्धु पत्र समूह के स्थापना दिवस समारोह में 

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आगे कहा कि मायाराम सुरजन जी पत्रकारिता के पुरोधा थे। उनकी पूरे देश में विशिष्ट पहचान थी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मायाराम सुरजन को पढ़ा है, मगर स्वर्गीय श्री ललित सुरजन जी से मुलाकात हुई, उनका सानिध्य मिला। ललित जी पर मायाराम जी की छाप थी। कार्यक्रम में साहित्यकार श्री प्र्रभात त्रिपाठी एवं पूर्व मुख्य सचिव एवं शिक्षाविद् श्री शरदचंद्र बेहार को मायाराम सुरजन शताब्दी सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार श्री विजय बहादुर सिंह ने की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देशबन्धु की चर्चा होती है, तो हमारे पुराने बचपन के दिन याद आ जाते हैं। उस समय दो या तीन अखबार हुआ करते थे। हम जब गांव में रहते थे, उस समय शाम तक कोई अखबार पहुंच पाता था। शाम को जिसके यहां अखबार पहुंचता था, वहां जाकर अखबार पढ़ा करते थे। तब लोगों में मान्यता थी कि देशबन्धु में यदि कुछ छपा हो तो वह सच होगा। उन्होंने कहा कि जब हमने राजनीति करना शुरू की, तो देशबन्धु में लिखे खबरों, विभिन्न बुद्धिजीवी द्वारा लिखे गए लेखों, सम्पादकीय को पढ़ा करते थे और उनसे सीखते थे। वहीं से सीख कर ज्ञान अर्जन कर मुद्दों को उठाते भी थे।

श्री बघेल ने कहा कि आजादी के समय महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, भगत सिंह, बाल श्री गंगाधर तिलक और श्री गणेश शंकर विद्यार्थी आदि राजनेताओं ने अपनी लेखनी की ताकत से तत्कालिन ब्रिटिश शासन को झकझोर दिया। यहां तक तिलक जी को इसके लिए सजा भी हुई। उसके बाद भी उन्होंने लिखना नहीं छोड़ा। आजादी की अलख जगाने में समाचार पत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह कार्य आजादी के बाद भी जारी है। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर आमजनों को जागरूक कर देश की प्रगति में सार्थक योगदान दे रहे है।

कार्यक्रम में देशबन्धु रायपुर के सम्पादक श्री राजीव रंजन श्रीवास्तव ने देशबन्धु की 65 साल की यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, विधायक श्री अमितेश शुक्ला, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुन्दर दास, श्री पलाश सुरजन तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 




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