रायपुर: राज्य सरकार प्रदेश के विशेष संरक्षित जनजातीय समुदाय की महिलाओं को कला संस्कृति और पंरपरा के साथ-साथ स्थानीय रोजगारों पर प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना रही है। इसी कड़ी में कबीरधाम जिले में विशेष संरक्षित बैगा जनजाति की लीडरशीप करने वाली महिलाओं को वनोपज के भंडारण, पैकेजिंग और विपणन विषय पर प्रशिक्षण देकर स्थानीय स्वरोजगारों से जोड़ा जा रहा है।
वन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की पहल पर जनजातीय बैगा महिलाओं में अजीविका संवर्धन के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इससे महिलाएं अब आजीविका और रोजगार के नए अवसरों का सृजन कर सकेंगी। वहीं जैव विविधता आधारित और वन संसाधनों से आयमूलक गतिविधियों से अपने बच्चों और परिवार की जिंदगी संवार सकेंगी।
छत्तीसगढ़ शासन, जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान,रायपुर एवं फाउंडेशन फॉर इकॉलोजी सिक्युरिटी के साथ संयुक्त रूप से 13 से 15 सितंबर 2023 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में जिले के विशेष संरक्षित जनजाति बैगा महिला लीडर ने प्रस्तुतीकरण करते हुए विकासखंड बोड़ला के बैगा बाहुल्य क्षेत्र में किए जा रहे जलवायु परिवर्तन अनुकूलन पर्यावरणीय कृषि पद्धति से टिकाऊ आजीविका, स्वास्थ्य एवं पोषण के सुधार अनुभवों को साझा किया। पर्यावरणीय खेती के संदर्भ में बताया कि बीज चयन, बीज उपचार, कतार मिश्रित खेती एवं किचन गार्डन की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में बैगा महिलाओं ने वनोपज संकलन, संग्रहण, प्रसंस्करण, विपणन के अनुभवों को साझा किया।