- ग्रामीण जनजीवन में आया सकारात्मक बदलाव
रायपुर: अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा अविद्युतीकृत ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाने से दूरस्थ वनांचल के गांवों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। जहां पहले गांव अंधेरे में रहते थे, वहीं अब सोलर होम लाइट, सोलर फोटो वॉल्टाइक सेल और सोलर हाईमास्ट की रोशनी से गांवों की गलियां, चौक और चौराहे रात देर तक जगमगाने लगे हैं। नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना के तहत शामिल ग्रामों में भी क्रेडा द्वारा सौर ऊर्जा योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य जिले के अंदरूनी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना और कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना है।
13 ग्रामों में सौर ऊर्जा के लाभ को शत-प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने का लक्ष्य
इसी क्रम में क्रेडा द्वारा दंतेवाड़ा जिले के चयनित 13 ग्रामों में सौर ऊर्जा के लाभ को शत-प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक मुलेर, बासनपुर, कामालूर, धुरली, गमावाड़ा और झिरका 06 गांव के कुल 13 स्थलों पर सोलर हाईमास्क संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। झिरका गांव के एक स्थल पर कार्य प्रगति पर है। इन संयंत्रों से गांवों में रात के समय सुरक्षित आवाजाही और सामुदायिक गतिविधियों में सुधार आया है।
घर-घर पेयजल की नियमित आपूर्ति
सौर ऊर्जा ने गांवों में पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराने में भी अहम भूमिका निभाई है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत चयनित 13 ग्रामों में 57 सोलर ड्यूल पंप संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इनमें 10 हजार लीटर क्षमता की टंकियां और 9 मीटर ऊंचाई की स्टेजिंग संरचनाएं शामिल हैं। इससे पाइपलाइन के माध्यम से घर-घर पेयजल की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है। ग्रामीणों ने इन सुविधाओं के लिए शासन और क्रेडा विभाग का आभार व्यक्त किया है। नियद नेल्लानार ग्रामों में क्रेडा की ये पहल राज्य सरकार के सतत विकास और अक्षय ऊर्जा के उपयोग के प्रति मजबूत संकल्प का प्रतीक है।

(Bureau Chief, Korba)




