BILASPUR: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में TI की एक लापरवाही ने पूरे पुलिस महकमे को बदनाम कर दिया और रिश्वतखोरी जैसे गंभीर आरोप झेलने पड़े। प्रदेश में रेप केस में पहली बार हुए काउंटर FIR में SDOP की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर SP संतोष सिंह ने लापरवाही बरतने वाले TI को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, SDOP को नोटिस जारी किया गया है। पुलिस अब इस काउंटर FIR पर क्लोजर रिपोर्ट सौंपने की तैयारी में है।
रतनपुर क्षेत्र में रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता युवती ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर विरोध जताते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। उसके मुताबिक, उसके साथ एक युवक ने रेप किया था। पुलिस ने जुर्म दर्ज कर युवक को जेल भेज दिया। इधर युवक के परिजन उस पर समझौते के लिए दबाव बना रहे थे। युवती के इनकार करने पर परिजनों ने उसकी मां पर 10 साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करा दिया। पुलिस ने भी मामले की स्पष्ट जांच नहीं की और उसकी मां पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार भी कर लिया।
दुष्कर्म के केस में काउंटर FIR करने पर भड़का आक्रोश।
रेप जैसे संवेदनशील केस में काउंटर FIR पर भड़का आक्रोश
रेप जैसे गंभीर मामले में पुलिस ने जिस तरह से काउंटर केस दर्ज किया और दुष्कर्म पीड़िता की मां को जेल भेज दिया। इसके बाद रतनपुर के साथ ही बिलासपुर में आक्रोश भड़क गया। विश्व हिंदू परिषद सहित सामाजिक संगठनों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा को खोल दिया। रतनपुर बंद करने के साथ ही कलेक्टोरेट का घेराव कर धरना-प्रदर्शन और मशाल जुलूस निकालकर लगातार आंदोलन जारी रखा।
जांच कमेटी ने माना, दुष्कर्म पीड़िता की मां पर हुई गलत FIR
SP संतोष कुमार सिंह ने इस केस को गंभीरता से लिया और जांच कमेटी बनाई। उन्होंने कमेटी से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। कमेटी ने बीते रविवार को रिपोर्ट SP को सौंपी, जिसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। महिला को जमानत देने के लिए कोर्ट में यही आधार बना। पुलिस के अफसरों का कहना है कि इस मामले में पुलिस को पूरी तरह से उपयोग किया गया है।
बच्चे को लेकर उसकी मां और परिवार के सदस्य पहले रायपुर भी गए और वहां जीरो में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की। सफलता नहीं मिली तो रतनपुर आए और यहां अंधेरे में रखकर एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने जांच में सभी की कॉल डिटेल देखी तो इसका पता चला। लेकिन, टीआई ने इस घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया।
जेल से छुटते ही महिला को लेकर महामाया देवी दर्शन करने पहुंचे लोग।
केस दर्ज हुआ, तब थाने में SDOP भी थे मौजूद
जांच रिपोर्ट में सभी तथ्यों को देखा गया तब पता चला कि टीआई कृष्णकांत सिंह ने रेप केस में काउंटर FIR दर्ज करने से पहले तस्दीक नहीं की। यहां तक जब FIR हुआ, तब कोटा SDOP सिद्धार्थ बघेल भी थाने में मौजूद थे। लेकिन, उन्होंने भी लापरवाही बरती। तथ्यों की जांच किए बिना ही उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों को अंधेरे में रखा और केस दर्ज करने की जानकारी दी, जिसके चलते पुलिस की फजीहत हुई। हैरानी की बात है कि, जांच टीम में शामिल SDOP भी इस FIR के लिए दोषी पाए गए हैं।
महामाया देवी मंदिर परिसर में जुटी रही भीड़।
बच्चे ने पहले जो बयान दिया उससे मुकर गया
बच्चे ने थाने में 161 के दौरान जो बयान दिया था उसी को आधार मानकर महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। कोर्ट में बच्चे का बयान हुआ तो वह थाने में दिए बयान से मुकर गया। उसके बयान में विरोधाभास आया। इसी तरह जांच टीम ने बच्चे की मां से भी बयान दर्ज किया। दुष्कर्म पीड़िता और उसकी मां का बयान लिया। थाने में हुए बयान और जांच टीम को दिए बयान में काफी विरोधाभास मिला।
रतनपुर में ऐहतियात के तौर पर तैनात है पुलिस।
विधवा महिला बोली- बदले के भावना से रची गई साजिश, TI व पुलिसकर्मी थे शामिल
जेल से जमानत पर छुटने के बाद कहा कि मुझे गलत तरीके से फंसाकर जेल में डाला गया। भगवान और अपने लोगों के साथ कोर्ट पर पूरा भरोसा था, विश्वास था कि जमानत जरूर मिलेगी और आगे बरी भी हो जाउंगी। मुझे अभी राहत मिली है, पर न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी के रेप केस में समझौता कराने के लिए बदले की भावना से TI और पुलिसकर्मियों से मिलीभगत कर मेरे खिलाफ केस दर्ज किया गया। थाने से जब जेल लाया गया तो बोल कर आई थी कि देखना एक निर्दोष विधवा महिला को फंसाकर जेल भेज रहे हो, इसका परिणाम जरूर भुगतना पड़ेगा और सच भी हुआ।
जेल में मुझे अपनी बेटी बहुत याद आती थी पर रोई नहीं, मेरे पति नहीं हैं और विधवा जरूर हूं पर मजबूत हूं। कोई ऐसा न सोचे कि मैं जेल जाकर डर जाउंगी, मेरे साथ मेरे भगवान हैं, मेरे समाज के भाई साथ हैं। करहैयापारा के लोगों पर मेरा अटूट विश्वास है। सभी मेरी आदत व्यवहार जानते हैं। मुझे पता था कि जिन लोगों के खिलाफ हमने लड़ाई शुरू की थी वे ताकतवर हैं और हमारे साथ कभी बुरा जरूर करेंगे। मैं सभी को धन्यवाद देती हूं। आप लोगों के रूप में ही भगवान ने आकर मुझे साथ दिया। 9 दिन तक जेल में सो नहीं पाई। आज रात बेटी की गोदी में सिर रखकर सोना चाहती हूं।