Monday, May 20, 2024
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BCC News 24: KORBA- जिला अस्पताल में लंबे समय से चल रहा रेफरल का खेल.. भोले-भाले मरीजों को बहला-फुसला कर भेज रहे प्राइवेट हाॅस्पिटल; बेहतर इलाज का झांसा देकर लूट रहे मोटी रकम.. अस्पताल कर्मी, एजेंट व ऑटो चालक तक को मिलता है कमीशन

कोरबा (BCC NEWS 24): जिला अस्पताल वर्तमान में मेडिकल काॅलेज संबंद्ध अस्पताल बन गया है। प्रबंधन ने बिना ठाेस कारण के यहां से निजी अस्पताल व लैब में मरीजाें काे भेजन पर रोक लगा रखा है, लेकिन इस काम से जुड़े लोग तरीका बदल कर रेफरल का खेल, खेल रहें हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ज्यादातर सरकारी डाॅक्टराें द्वारा निजी अस्पताल खाेलना व दूसरे अस्पतालाें में पार्ट टाइम जाॅब करना है।

गीता देवी मेमाेरियल अस्पताल में ऑपरेशन के इंतजार में 3 दिन से भर्ती पहाड़ी काेरवा महिला साेनी बाई की माैत के बाद मेडिकल काॅलेज अस्पताल से मरीजाें काे निजी अस्पतालों में भेजने वाले एजेंटों के हाेने का खुलासा हुआ। दरअसल सरकारी अस्पताल से मरीजाें काे निजी क्लीनिक रेफर करने का यह नया मामला नहीं है, यह खेल लंबे समय से चल रहा है।

एक साल पहले भी जिला अस्पताल के डॉ. प्रभात पाणिग्रही ने निजी अस्पताल में 6 साल के बच्चे काे भेजकर ऑपरेशन किया था। मामला तब सामने आया था, जब बच्चें की माैत हाे गई थी। ऑपरेशन में सरकारी अस्पताल के अन्य डाॅक्टर भी शामिल थे। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया पर स्वास्थ्य विभाग ने डाॅक्टराें के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने दी। उक्त डाॅक्टर अब भी जिला अस्पताल में कार्यरत है। मामले में कार्रवाई नहीं होती इसलिए कई डाॅक्टराें ने मरीजाें काे इलाज के लिए निजी अस्पताल और जांच के लिए निजी लैब भेजने की आदत बना ली।

अब मरीजों के रेफरल की शिकायत पर हाेगी कार्रवाई
कलेक्टर रानू साहू ने बताया अस्पतालाें में आने वाले मरीजाें काे निजी अस्पतालाें में रेफर करना गलत है। ऐसे झांसा देने वाले लाेगाें की शिकायत के लिए कलेक्टोरेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां टेलीफाेन नंबर- 07759224608 पर फोन करके सूचना दे सकते हैं। शिकायत सही पाए जाने पर रेफरल से जुड़े सभी लाेगाें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी प्रैक्टिस करने वाले डाॅक्टराें पर भी निगरानी रखी जाएगी। अस्पतालाें के लाइसेंस की जांच की जा रही है।

सरकारी डाॅ. दीवान ही निजी अस्पताल में करते हैं ऑपरेशन
पहाड़ी काेरवा महिला साेनी बाई यदि मेडिकल काॅलेज अस्पताल में ओपीडी बंद हाेने पर यदि आपातकालीन कक्ष जातीं ताे वहां हड्डी राेग विशेषज्ञ डाॅ. जीडी दीवान उनका इलाज करते। गीता देवी अस्पताल में भर्ती हाेने के बाद वहां भी डाॅ. दीवान ही काेरवा महिला का ऑपरेशन करने वाले थे। यह बात अस्पताल ने रामपुर चाैकी में पुलिस जांच के दाैरान बताई। गीता देवी अस्पताल में हड्डी राेग विशेषज्ञ नहीं है, जहां डाॅ. दीवान ही पार्ट टाइम ऐसे मरीजों को देखते हैं।

किसी ने खोला 3 मंजिला अस्पताल तो कुछ ने क्लीनिक और लैब
मेडिकल काॅलेज अस्पताल में पदस्थ कई डाॅक्टराें के निजी अस्पताल है। महिला राेग विशेषज्ञ डाॅ. कुजूर का जेल के सामने 3 मंजिला श्वेता अस्पताल है। इसी तरह एमडी मेडिसिन डाॅ. विशाल सिंह राजपूत का सुभाष चाैक के पास श्री हरि क्लीनिक व डायग्नोस्टिक सेंटर है। कई अन्य डाॅक्टर के भी अस्पताल है। हाईकाेर्ट ने 2017 में जारी आदेश के तहत सरकारी संस्थानों में पदस्थ डाॅक्टराें काे सामान्य दिनाें में 3 घंटे और छुट्टी के दिन 5 घंटे तक निजी प्रैक्टिस की छूट है।

भोले-भाले मरीजों को बहला-फुसला कर भेज रहे निजी अस्पताल : मेडिकल काॅलेज अस्पताल में पहुंचने वाले भोले-भाले मरीजाें काे बहला फुसला कर अपने झांसे में लेते हैं। यह काम कोई और नहीं बल्कि अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी व परिसर में घूमने वाले नशेड़ी ही हैं। निजी अस्पताल संचालकों को अच्छे से पता है कि मरीज अस्पताल के कर्मचारियों की बातों को जल्दी राजी हो जाते हैं। सूत्राें के मुताबिक कुछ ऑटो चालक भी इस नेटवर्क से जुड़े हैं।

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