Tuesday, June 17, 2025
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29 मार्च को मीन राशि में गोचर करेंगे शनि महाराज, इन 3 राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम, मकर की खत्म और मेष की शुरू होगी साढ़े साती

जांजगीर: चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या 29 मार्च शनिवार को रेवती नक्षत्र, मीन राशि में स्थित चंद्र के समय न्याय के देवता शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से शुक्र ग्रह की उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे। विशेष बात यह है कि शनि के राशि परिवर्तन के समय शनि अमावस्या का विशेष योग भी घटित हो रहा है। राशि परिवर्तन के समय शनि ग्रह अस्त है, लेकिन दूसरे दिन ही शनि ग्रह का उदय 30 मार्च को हो जाएगा।

शनि ग्रह के मीन राशि में प्रवेश करते ही मकर राशि से शनि की साढ़े साती हट जाएगी और मेष राशि पर शनि की साढ़े साती मस्तक से शुरू हो जाएगी। कर्क और वृश्चिक राशि से शनि की ढैया समाप्त हो जाएगी। साथ ही सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि ढैया प्रारंभ हो जाएगी। कुंभ राशि पर शनि पैरों पर साढ़े साती रहेगी और मीन राशि पर साढ़े साती हृदय पर रहेगी। मीन राशि में शनि का गोचर 23 फरवरी 2028 तक रहेगा। इस गोचर के प्रारंभ काल में ही 18 मई 2025 तक राहु, शनि की युति श्रापित दोष अर्थात पिशाच योग भी बना रही है। { मेष: शरीर पीड़ा, रक्त विकार, स्त्री व पुत्र के स्वास्थ्य में कमी।

{ वृष: साधनों में वृद्धि, भाग्य बल से लंबित कार्य पूर्ण। { मिथुन: नौकरी या व्यापार में सफलता। { कर्क: गृह में मांगलिक उत्सव के योग। { सिंह: आकस्मिक कष्ट, प्रियजनों से वियोग। { कन्या: व्यापार में नए अवसर, दाम्पत्य जीवन में माधुर्यता। { तुला: परिश्रम से कार्य सिद्ध, स्वास्थ्य का ध्यान। { वृश्चिक: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता, निर्णय लाभकारी। { धनु: जमीन संबंधी विवाद, मानसिक क्षति। { मकर: स्थान परिवर्तन या यात्रा शुभ। – कुंभ: व्यापार में प्रगति, राज पक्ष से सम्मान। – मीन: स्वजन से विरोध, मानसिक पीड़ा, धन हानि।

यहां नहीं दिखाई देगा ग्रहण, सूतक मान्य नहीं ज्योतिषाचार्य राघवेंद्र पांडेय के अनुसार, न्याय के देवता एवं कर्म के कारक ग्रह शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में 29 मार्च को रात्रि 9.46 बजे प्रवेश करेंगे। यहां पर शनि का निवास करीब ढाई वर्ष अर्थात 23 फरवरी 2028 तक रहेगा। शनि के राशि परिवर्तन के दिन ही अमावस्या तिथि का योग शनिवार के दिन घटित होने के कारण शनिश्चरी अमावस्या का महायोग घटित हो रहा है। इसके साथ ही इसी दिन विक्रम संवत 2081 पूर्णता को प्राप्त कर रहा है।

इसी दिन सूर्य ग्रह का योग भी बनेगा, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इसका सूतक मान्य नहीं होगा। शनि के राशि परिवर्तन को विशेष महत्वपूर्ण इसलिए भी माना जा रहा है कि राशि परिवर्तन से मीन राशि में पूर्व से ही स्थित राहु से शनि की युति पिशाच योग अर्थात श्रापित योग भी बनाएगी। यह योग 18 मई 2025 को राहु के राशि परिवर्तन के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इन सभी योग और संयोग के कारण शनि ग्रह पूर्ण बलवान होने से शिक्षा और न्याय के क्षेत्र में विशेष सकारात्मक, नवीन नियमावलियों से लोगों को लाभांवित करेंगे।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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