छत्तीसगढ़: बिलासपुर में ग्रामीण को फंसाने के लिए उसके घर में शराब की बोतलें रख कर जब्ती करने वाले चार आरक्षकों को SP ने लाइन अटैच कर दिया है। दरअसल, पुलिसकर्मियों के अजीबोगरीब कारनामे का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में महिला बोल रही है कि भैया हमारे घर में शराब की बोतल लाकर क्यों रख रहे हो। आप पूरे घर की जांच कर लिए आप को कुछ नहीं मिला, अब शराब लाकर क्यों फंसा रहे हो। जवाब में पुलिसकर्मी घर से शराब मिलने का दावा कर रहे हैं। यह मामला पचपेड़ी थाना क्षेत्र का है।
एसपी ने पचपेड़ी थाने में पदस्थ चार आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया है
बताया जा रहा है कि पचपेड़ी थाने के चार पुलिसकर्मी शराब पकड़ने के लिए मनवा गांव गए थे। घटना बीते एक सप्ताह पहले की है। पुलिसकर्मियों ने शराब की अवैध बिक्री करने की शिकायत पर एक ग्रामीण के घर में दबिश दी। जांच के दौरान उन्हें कुछ नहीं मिला। तब पुलिसकर्मी आबकारी एक्ट का केस बनाने के लिए बाहर से शराब लेकर आ गए और ग्रामीण से जब्ती बना दी। पुलिस ने उसके खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई भी की है।
सोशल मीडिया में वायरल हो रहा वीडियो
ग्रामीण के घर में पुलिसकर्मी पहुंचे, तब महिला ने वीडियो बना लिया। वीडियो में महिला बोल रही है कि भैया हमारे घर में तो कुछ नहीं मिला है। फिर बाहर से शराब लाकर क्यों फंसा रहे हो। वीडियो में महिला कह रही है कि भैया गाड़ी की डिक्की में शराब लेकर आया है। वहीं पुलिसकर्मी उसके घर से शराब मिलने का दावा कर रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
पुलिस ने मनवा गांव में शराब पकड़ने के लिए छापेमारी की थी।
शराब के बड़े केस में फंसाने दी धमकी
इधर, इस मामले की शिकायत एसपी पारुल माथुर तक पहुंच गई है। शिकायत में बताया गया कि पुलिसकर्मियों ने ग्रामीण को शराब के झूठे व बड़े केस में फंसाने की धमकी दी गई है। पुलिसकर्मियों पर झूठी कार्रवाई करने के लगे आरोप और शिकायतों के बाद एसपी माथुर ने पचपेड़ी थाना में पदस्थ आरक्षक भानू प्रताप डहरिया, चंद्रप्रकाश भारद्वाज, शिव धन बंजारे व सद्दाम पाटले को लाइन अटैच कर दिया है।
DGP ने TI को किया था लाइन अटैच
करीब दो साल पहले पचपेड़ी थाना क्षेत्र में आबकारी विभाग ने बड़े पैमाने पर मध्यप्रदेश की शराब तस्करी का मामला पकड़ा था। तब DGP डीएम अवस्थी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन TI सुनील तिर्की को लाइन अटैच कर दिया था। उस समय DGP ने शराब की अवैध बिक्री और तस्करी के लिए थानेदारों पर जवाबदेही तय करने की चेतावनी भी दी थी।
आबकारी और पुलिस विभाग की मिलीभगत से होती है शराब की अवैध बिक्री
बताया जा रहा है कि पचपेड़ी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शराब की अवैध बिक्री होती है। दरअसल, आबकारी विभाग के अफसर गांव में सिर्फ महुआ शराब बनाने और बेचने वालों पर कार्रवाई करते हैं। जबकि, देसी शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती। ग्रामीणों का आरोप है कि देसी शराब बेचने वाले कोचियों पर विभाग के अफसर कार्रवाई भी नहीं करते। बल्कि, उनसे अवैध उगाही की जाती है। आरोप यह भी है कि पचपेड़ी क्षेत्र में शराब बेचने का अवैध कारोबार में पुलिसकर्मियों का भी हाथ रहता है और उन्होंने महीना बांध लिया है। आरोप है कि रुपए नहीं देने के कारण ही ग्रामीण के घर में शराब रखकर आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।