Thursday, May 2, 2024
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BCC News 24: इंदौर में सेक्स वर्कर और गे सबसे ज्यादा.. HIV के हाई रिस्क में दूसरे नंबर पर ग्वालियर, तीसरे पर जबलपुर और चौथे पर भोपाल

भोपाल: मध्यप्रदेश में एक गैर सरकारी संगठन के शोध में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। शोध से पता चला है कि इंदौर में प्रदेश भर में सबसे ज्यादा वुमन सेक्स वर्कर हैं। साथ ही इंदौर में एड्स का खतरा भी सबसे ज्यादा है। आंकड़े में प्रदेश के अलग-अलग जिलों की स्थिति सामने आई है।

इंदौर बना नंबर वन

मध्यप्रदेश में इंदौर HIV और एड्स के हाई रिस्क ग्रुप में पहले नंबर पर है। यानी यहां खतरा ज्यादा है। दूसरे शहरों के मुकाबले इंदौर में फीमेल सेक्स वर्कर तो ज्यादा हैं ही, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यहां GAY (पुरुषों से संबंध बनाने वाले पुरुष) भी ज्यादा हैं। GAY के मामलों में ग्वालियर दूसरे, जबलपुर तीसरे और भोपाल चौथे नंबर पर है। यह रिपोर्ट मध्यप्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने जारी की है।

बच्चों की भी HIV स्क्रीनिंग कराई जाती है

सोसाइटी प्रदेश में हाई रिस्क ग्रुप के 55 हजार लोगों में HIV और एड्स की रोकथाम के लिए गैर सरकारी संस्थाओं के जरिए काम कर रही है। सोसाइटी हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोगों को जागरूक करती है। HIV स्क्रीनिंग कराने का काम भी करती है। जिनमें HIV की पुष्टि होती है, उनका इलाज कराया जाता है। HIV पॉजिटिव पेशेंट्स के सेक्स पार्टनर और बच्चों की भी HIV स्क्रीनिंग कराई जाती है, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।

रिपोर्ट के मुताबिक, जो मेल एक-दूसरे से संबंध बनाते हैं, उन्हें रिसर्च की भाषा में MSM (Men who have Sex with Men) कहा जाता है। इनमें अधिकांश आपसी सहमति से संबंध बनाते हैं। कई तो ऐसे हैं, जिनके बच्चे और भरा-पूरा परिवार भी है।

जानकारी जुटाना चुनौती भरा काम होता है

एड्स कंट्रोल प्रोग्राम से जुड़े गैर सरकारी संगठन के वॉलंटियर ने बताया कि आमतौर पर हमारे समाज में सेक्स जैसे मुद्दे पर बात नहीं होती। फिर सेक्स वर्कर्स या एक से अधिक सेक्स पार्टनर वाले लोगों की जानकारी जुटाना चुनौती भरा काम होता है। इसके लिए स्टेक होल्डर्स की मदद ली जाती है। स्टेक होल्डर्स में ऐसे लोगों से संपर्क बढ़ाया जाता है जो गांव, मोहल्ले में लोगों की जानकारी रखते हैं।

लोगों से बात कर जानकारी जुटाई जाती है

कई बार छोटे किराना, जनरल स्टोर, सैलून ऑनर ऐसे लोगों की जानकारी देने में अहम भूमिका निभाते हैं। फिर एक से अधिक पार्टनर वाले व्यक्ति से मुलाकात कर उसकी काउंसिलिंग की जाती है। कई बार मिलने पर ही वह अपनी निजी जिंदगी के बारे में जानकारी शेयर करते हैं, फिर उन्हें HIV स्क्रीनिंग के लिए तैयार किया जाता है। एक एरिया में काम कर रही संस्था अपने क्षेत्र में सेक्स वर्कर, GAY की लिस्ट तैयार करती है। इससे उनकी HIV स्क्रीनिंग और फॉलोअप किया जाता है।

मध्यप्रदेश में 12 हजार MSM

मप्र में हाई रिस्क ग्रुप में करीब 12 हजार MSM (Men who have Sex with Men) रिकॉर्ड में हैं। सबसे ज्यादा 1570 इंदौर जिले में दर्ज हैं। ग्वालियर में 849, जबलपुर में 795, भोपाल में 766, सागर में 739, होशंगाबाद में 582, मुरैना में 580, टीकमगढ़ में 472, रायसेन में 446, उज्जैन में 397, छिंदवाड़ा में 369, छतरपुर में 317, मंदसौर में 311, धार में 271, रतलाम में 268, बैतूल में 255, सतना में 239, शिवपुरी में 222, बड़वानी में 215, खरगोन में 208, पन्ना में 206, देवास में 193, झाबुआ में 169, कटनी में 155, शाजापुर में 150, अलीराजपुर में 144, बालाघाट में 127, खंडवा में 116, हरदा में 101, बुरहानपुर में 99, दतिया में 99, सीहोर में 81, सिवनी में 50, आगर-मालवा में 8 और सीधी में 2 लोग MSM कैटेगरी के रिकॉर्ड में हैं।

प्रदेश में करीब 35 हजार फीमेल सेक्स वर्कर्स

फीमेल सेक्स वर्कर्स (FSW) के मामले में भी इंदौर पहले नंबर पर है। प्रदेश में करीब 35 हजार फीमेल सेक्स वर्कर्स की जानकारी एड्स कंट्रोल सोसाइटी के पास दर्ज है। सबसे ज्यादा FSW इंदौर में 2513 में हैं। इसके बाद छिंदवाड़ा में 2464, सागर में 1543, रायसेन में 1441, भोपाल में 1374, पन्ना में 1321, बालाघाट में 1228, शिवपुरी 1218, छतरपुर में 1012, धार में 956, रीवा में 926, ग्वालियर में 898, बैतूल में 841, सिंगरौली में 798, झाबुआ में 791, उज्जैन में 772, खरगोन में 769, देवास में 455, सतना में 721, नीमच में 726, रतलाम में 698, जबलपुर में 686, मंडला में 645, मंदसौर में 637, श्योपुर में 634, दतिया में 632, बुरहानपुर में 622, अलीराजपुर में 600, बड़वानी 585, मुरैना में 582, निवाड़ी में 569, शाजापुर में 530, गुना 509, होशंगाबाद में 505, शहडोल में 478, कटनी में 471, नरसिंहपुर में 416, सीहोर में 400, सीधी में 341, अशोकनगर में 270, खंडवा में 179, टीकमगढ़ में 161, हरदा में 29, आगर मालवा में 28, अनूपपुर में 13, उमरिया में 11 और दमोह जिले में 3 फीमेल सेक्स वर्कर हैं।

इंजेक्शन से नशा करने वाले जबलपुर में सबसे ज्यादा

प्रदेश में इंजेक्टिंग ड्रग यूजर (IDU) यानी इंजेक्शन सिरिंज के जरिए नशा करने वाले करीब 8 हजार लोग रिकॉर्ड में हैं। इनमें सबसे ज्यादा IDU कैटेगरी के लोग जबलपुर जिले में हैं। IDU कैटेगरी के जबलपुर में 1303, भोपाल में 1223, रीवा में 1089, होशंगाबाद में 572, छतरपुर में 530, सीधी में 455, उज्जैन में 417, सतना में 343, पन्ना में 313, ग्वालियर में 272, श्योपुर में 261, रतलाम में 244, अशोक नगर में 225, सीहोर में 200, गुना में 196, शहडोल में 177, नरसिंहपुर में 162, कटनी में 159 और शिवपुरी में इंजेक्शन से नशा करने वाले 85 लोग रिकॉर्ड में हैं।

HIV रोकथाम के लिए किए जा रहे कई प्रयास

इस बारे में मप्र एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर केडी त्रिपाठी ने बताया कि हाई रिस्क कैटेगरी में अलग-अलग ग्रुप्स तक पहुंचने के लिए करीब 68 लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजनाएं (टारगेटेड इंटरवेंशन प्रोजेक्ट) चलाई जा रही हैं। इन प्रोजेक्ट के जरिए हाई रिस्क ग्रुप में HIV की रोकथाम के लिए स्क्रीनिंग, यौन संबंधों के दौरान कंडोम का उपयोग करने, इंजेक्शन से नशा करने वालों को सिरिंज उपलब्ध कराना। HIV संक्रमितों को AET सेंटर से लिंक कराकर नियमित दवाएं और उपचार मुहैया कराने का काम किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश जांच और उपचार की व्यवस्थाएं

मप्र में HIV की स्क्रीनिंग के लिए करीब 1652 FICTC (facilitated integrated counselling and testing centre) संचालित हैं। यहां स्क्रीनिंग में रिजल्ट रिएक्टिव आने पर उस व्यक्ति को कन्फर्मेट्री टेस्ट के लिए ICTC (integrated counselling and testing centre) सेंटर पर भेजा जाता है। प्रदेश में करीब 202 ICTC सेंटर संचालित हैं। यहां उसकी काउंसिलिंग की जाती है। यहां कन्फर्मेट्री रिजल्ट पॉजिटिव आने पर उसे ART सेंटर से लिंक किया जाता है, ताकि उसे निरंतर दवाएं और इलाज मुहैया कराया जा सके। जल्द ही 12 और नए ART सेंटर शुरू हो रहे हैं। अफसरों का दावा है अगले कुछ महीनों में ART सेंटरों की संख्या 40 हो जाएगी।

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