छत्तीसगढ़: जांजगीर-चांपा जिले में पदस्थ एक तहसीलदार ने ऐसे वक्त में सेल्फी ली, जब प्रशासन, SDRF और पुलिस की टीम नदी में डूबे एक बच्चे की तलाश कर रही थी। दुखद बात ये रही कि उस मासूम की मौत भी हो गई। घटना के 26 घंटे बाद उसकी लाश मिली थी। उधर, तहसीलदार का यह सेल्फी सोशल मीडिया में वायरल हो गई और लोगों ने इसे लेकर जमकर नाराजगी जाहिर की है।
दरअसल, 16 जुलाई को दोपहर के वक्त 4 साल का शुभम पटेल मुलमुला इलाके के लीलागर नदी में बने एनीकट को पार करते समय बह गया था। वो अपने पिता प्रकाश पटेल के साथ बाइक में बैठकर एनीकट पार कर रहा था। मगर बाइक फिसलने से हादसा हो गया था। घटना के बाद से ही बच्चे की तलाश जारी थी। 16 जुलाई को भी बच्चे को काफी तलाश गया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला था।
मुस्कुराते हुए सेल्फी
अगले दिन रविवार को भी बच्चे को तलाशने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। SDRF की टीम आस-पास के 6 किलोमीटर के दायरे में बच्चे को खोज रही थी। उसी दौरान प्रशासन की टीम के साथ पामगढ़ तहसीलदार ए.के चंद्रा भी नदी में गए थे। नदी में जाने के बाद उन्होंने सेल्फी ली। सेल्फी लेने के दौरान वह काफी मुस्कुरा रहे थे। इधर, रविवार शाम को 4 बजे बच्चे का शव मिल गया।
![इस फोटो को भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया गया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/07/18/jnj-tehsildar-08_1658145884.jpg)
इस फोटो को भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया गया।
उनके ड्राइवर ने ही पोस्ट की फोटो
बच्चे की मौत से हर कोई दुखी था। इस बीच सोशल मीडिया में ए.के चंद्रा का ये सेल्फी वायरल हो गई। ये देखने के बाद लोग भड़क गए और उन्हें जमकर घेरा। वहीं जब लोगों ने उन्हें घेरा तो बाद में उस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। बताया गया उनके इस सेल्फी को उनके ही ड्राइवर ने सोशल मीडिया में डाला था। इस पोस्ट को ट्वीटर पर भी लोगों ने शेयर किया।
![ट्वीटर पर लोगों ने जमकर घेरा।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/07/18/jnj-tehsildar-01_1658145914.jpg)
ट्वीटर पर लोगों ने जमकर घेरा।
नौका भ्रमण और बेशर्मी वाली सेल्फी भी
ट्वीटर पर शेयर करते हुए प्रशांत सिंह ठाकुर नाम के शख्स ने लिखा छत्तीसगढ़ के पामगढ़ के पास एनीकट से 4 साल का बच्चा बह गया। एसडीआरएफ की टीम ने परिश्रम किया, पर दुर्भाग्य से लाश मिली। पर तहसीलदार साहब को क्या… मालिक जो ठहरे। नौका भ्रमण और बेशर्मी वाली सेल्फी भी… । इसी तरह दूसरे लोगों ने भी उनको जमकर घेरा।
तहसीलदार बोले-मैं बिना ट्रेनिंग के गया था
वहीं जब यह बात ए.के चंद्रा तक पहुंची, तब उनका भी बयान सामने आया। ए.के चंद्रा ने कहा कि लोग सकारात्मकता को नहीं देखते और थोड़ी सी चूक को उजागर कर देते हैं। मैं बिना ट्रेनिंग के अभियान में शामिल हुआ था। उस बात के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमने अपने सीनियर अधिकारियों को अपडेट भेजने के लिए फोटो ली थी।
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