Saturday, December 21, 2024
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              सिंगापुर: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने रचा इतिहास, सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बने, चीनी खिलाड़ी को फाइनल में हराया

              सिंगापुर: 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में गुरुवार को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। उन्होंने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से फाइनल में हराया।

              इतनी कम उम्र में खिताब जीतने वाले गुकेश दुनिया के पहले प्लेयर बने हैं। इससे पहले 1985 में रूस के गैरी कैस्परोव ने 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था।

              गुकेश ने चीनी खिलाड़ी को 14वें गेम में हराकर यह टाइटल जीता। 25 नवंबर को चैंपियनशिप का फाइनल शुरू हुआ था, 11 दिसंबर तक दोनों के बीच 13 गेम खेले गए। स्कोर यहां 6.5-6.5 से बराबर था। गुकेश ने आज 14वां गेम जीता और एक पॉइंट की बढ़त लेकर स्कोर 7.5-6.5 कर दिया।

              चेस चैंपियन बनते ही गुकेश की आंखों से आंसू निकल आए। वह फूट-फूट कर रोने लगे।

              चेस चैंपियन बनते ही गुकेश की आंखों से आंसू निकल आए। वह फूट-फूट कर रोने लगे।

              गुकेश बोले- मेरे जीवन का बेस्ट मोमेंट

              मैच के बाद गुकेश ने कहा, ‘लिरेन का ब्लंडर मेरे जीवन का बेस्ट मोमेंट रहा। जब उन्होंने ब्लंडर किया, तब मुझे समझ नहीं आया, मैं अपनी नॉर्मल चाल चलने वाला था। तभी मैंने देखा कि उनका हाथी मेरे हाथी के निशाने पर हैं। मैंने उसे मारा और अपने ऊंट से उनके ऊंट को मार दिया। मेरे पास एक प्यादा ज्यादा बचना ही था, आखिर में वह बचा और लिरेन ने रिजाइन कर दिया।’

              विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी

              गुकेश चेस के वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे ही प्लेयर बने। 2012 में विश्वनाथन आनंद चेस चैंपियन बने थे। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह इस खिताब को जीतने वाले भी सबसे युवा प्लेयर बन गए थे।

              गुकेश ने आज 14वां गेम जीता और एक पॉइंट की बढ़त लेकर स्कोर 7.5-6.5 कर दिया।

              गुकेश ने आज 14वां गेम जीता और एक पॉइंट की बढ़त लेकर स्कोर 7.5-6.5 कर दिया।

              11वां गेम गुकेश ने जीता, 12वें में लिरेन की वापसी

              रविवार तक 11 गेम के बाद गुकेश 6-5 से आगे थे। 11 में से 8 गेम ड्रॉ रहे थे, जबकि 2 में गुकेश और 1 में लिरेन को जीत मिली थी। लिरेन ने फिर वापसी की और 12वां गेम जीत लिया और स्कोर फिर बराबर कर दिया।

              बुधवार को 13वीं बाजी में 68 चाल के बाद गुकेश को गेम ड्रॉ खेलना पड़ा था। तब स्कोर 6.5-6.5 से बराबरी पर था। गुकेश ने तीसरा, 11वां और 14वां गेम जीता। वहीं लिरेन ने पहला और 12वां गेम जीता। बाकी गेम ड्रॉ रहे।

              गुकेश को मिले 11.45 करोड़ रुपए

              इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) के 138 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एशिया के 2 खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन के खिताब के लिए आमने-सामने थे। क्लासिकल गेम में एक जीत पर प्लेयर को 1.69 करोड़ रुपए मिले। यानी 3 गेम जीतने पर गुकेश को 5.07 करोड़ और 2 गेम जीतने पर लिरेन को 3.38 करोड़ रुपए सीधे ही मिल गए। बाकी प्राइज मनी दोनों प्लेयर्स में बराबर बांटी गई, यानी गुकेश को 11.45 करोड़ और लिरेन को 9.75 करोड़ रुपए का इनाम मिला।

              वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप फाइनल के दौरान डी गुकेश।

              वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप फाइनल के दौरान डी गुकेश।

              कौन हैं डी गुकेश?

              ​​​​​गुकेश डी का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। वह चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी।

              नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे हैं और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट हैं।




                    Muritram Kashyap
                    Muritram Kashyap
                    (Bureau Chief, Korba)
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