कोरबा (BCC NEWS 24): प्रदेश के सबसे बड़े बांध हसदेव बांगो बांध को वित्तीय वर्ष में जल कर के रूप में 330 करोड़ का राजस्व मिला है। जो दूसरे साल से 5 करोड़ कम है। औद्योगिक संस्थानों ने 38 मिलियन घन मीटर पानी की मात्रा घटाई है। इसकी वजह से जलकर में कमी आई है। प्रदेश का यह पहला बांध है जिससे हर साल 300 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिलता है।
बांगो बांध का जलस्तर 359.66 मीटर और जल भराव क्षमता 2894.33 मिलियन घन मीटर है। बांध से 14 औद्योगिक संस्थानों को पानी दिया जाता है। उद्योगों के लिए 450 मिलियन घन मीटर पानी रिजर्व है। बिजली उत्पादन कंपनी, एनटीपीसी, एसईसीएल, बालको, इंडियन आयल प्रमुख कंपनियां हैं। एनटीपीसी ने पानी की मात्रा 17 एमसीएम घटाई थी। इसके साथ ही कोरबा पूर्व प्लांट बंद होने से 21 एमसीएम का अनुबंध समाप्त हो गया।
इसकी वजह से राजस्व में कमी आई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि और भी संस्थानों को पानी दिया जा सकता है। संस्थान भी धीरे-धीरे पानी की खपत कर रहे हैं। 10 साल पहले राजस्व 500 करोड़ तक पहुंच गया था। बीसीबीपी संयंत्र भी बंद हो चुका है। इसके अलावा कई औद्योगिक संस्थान नदी में एनीकट बनाकर पानी ले रहे हैं। जिले में खनिज के बाद पानी से ही अधिक राजस्व मिलता है। इस साल खनिज से 1720 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है।
2 लाख 45 हजार हेक्टेयर बांध की सिंचाई क्षमता
बांगो बांध की सिंचाई क्षमता 2 लाख 45 हजार हेक्टेयर है। रबी फसल के लिए भी हर साल अब पानी दिया जा रहा है। जिले के किसानों को भले ही इसका फायदा कम मिलता है, लेकिन जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले की खरसिया तहसील बांध के पानी से ही सिंचित होती है। सिंचाई कर काफी कम ही मिलता है।
नहर से 12.25 तो सीधे लेने पर 10.50 रुपए दर तय
औद्योगिक संस्थानों को पानी देने के लिए दर तय है। बांध से सीधे पानी लेने पर 10.50 रुपए और नहर से लेने पर 12.25 रुपए प्रति घन मीटर तय है। एचटीटीपी बराज से सीधे पानी लेता है। बाकी संस्थान दर्री बराज से ही पानी ले रहे हैं। बांगो बांध से सीधे पानी किसी को नहीं दिया जाता। बराज से ही पानी की आपूर्ति होती है।
लिफ्ट इरिगेशन से सिंचाई क्षमता बढ़ाने का हो रहा प्रयास: बांगो बांध की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए लिफ्ट इरिगेशन की योजना बनाई गई है । हालांकि इसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है। कुकरीचोली प्रोजेक्ट से 5 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा में सिंचाई हो सकती है। बिजली की योजना महंगी होने के कारण सौर ऊर्जा पर आधारित हो सकती है।
बांध में पर्याप्त पानी, जलकर बढ़ाने का प्रयास: एसडीओ
हसदेव दर्री बराज उप संभाग के एसडीओ एसएन साय का कहना है कि बांध में सिंचाई और उद्योगों के लिए पर्याप्त पानी है। आगे राजस्व में वृद्धि हो इसका प्रयास किया जा रहा है।