छत्तीसगढ़: कोरबा में एक बुजुर्ग ने अपनी जान देने के लिए पहले तो जहर खाया, फिर फांसी लगाई, इसके बावजूद उसकी जान नहीं गई। कुछ समय बाद परिजनों को वह जंगल में बेहोशी के हालत में मिला। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। अब घटना के 13 दिन बाद बुजुर्ग की मौत हो गई है। मामला बालको थाना क्षेत्र का है।
केराकछार निवासी पीतल गोटिया (60) मूल रूप से खेती किसान का काम करता था। उसके 2 बच्चे हैं। वह अपने परिवार के साथ रहता था। 25 अगस्त को वह घर से निकल गया था। देर शाम तक उसका कुछ पता ही नहीं चला था। जिसके बाद से परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। फिर भी उसका कुछ पता नहीं चला।
इसके बाद शाम को परिजन जंगल की तरफ पीतल की तलाश करते हुए गए। वहां एक पेड़ के नीचे परिजनों को पीतल बेहोशी के हालत में मिला था। उसके पास से जहर की शीशी मिली थी। बुजुर्ग के गले में फंदा भी फंसा हुआ था। जिसे देखकर ये पता चला कि बुजुर्ग ने फांसी लगाई थी, लेकिन फंदा टूटने से उसकी जान बच गई थी।
ये देखने के बाद परिजनों ने बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच इलाज के दौरान बुधवार को बुजुर्ग की मौत हो गई है। फिलहाल परिजनों से पुलिस पूछताछ कर रही है। लेकिन अब तक ये पता नहीं चल सका है बुजुर्ग ने ऐसा कदम क्यों उठाया था। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।