रायपुर: एक कहावत है मीठा-मीठा गप्प और तीखा-तीखा थू। यह छत्तीसगढ़ के कई सरकारी कर्मचारियों पर लागू हो रहा है। सरकार ने सरकारी कार्यालयों में पांच दिन का वर्किंग डे कर दिया है। यानी कर्मचारियों को शनिवार-रविवार को छुट्टी मिल रही है। इसके एवज में कार्यालय का समय आधा घंटा अधिक बढ़ा दिया गया। अब कर्मचारी छुट्टी तो ले रहे हैं, लेकिन कई कर्मचारी समय से कार्यालय आने-जाने की बात भूल गए।
सामान्य प्रशासन विभाग ने अब सभी विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को एक पत्र जारी किया। इस निर्देश पत्र में कहा गया , शासन के ध्यान में यह बात लाई गई है कि अनेक शासकीय कार्यालयों-मैदानी कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी नियत समय पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। यह सरकार की ओर से जारी निर्देशों के विपरीत है। अतः सभी कार्यालय प्रमुखों की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए कि सभी अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय में सुबह 10 बजे उपस्थित होकर शाम 5.30 बजे तक कार्य संपादित करें। इन निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने अफसरों से इन निर्देशों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा है।
2 फरवरी जारी हुआ था आदेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी के भाषण में पांच दिन के वर्किंग डे की घोषणा की थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने 2 फरवरी को आदेश जारी कर दिया। इसमें राज्य के मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा समस्त मैदानी कार्यालयों में शनिवार को भी अवकाश घोषित किया गया। इसके साथ ही अधिकारियों-कर्मचारियों की सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक उपस्थिति अनिवार्य की गई।
कर्मचारियों ने तब बड़ी राहत बताया था
उस समय कर्मचारी संगठनों ने इसे बड़ी राहत बताया था। उनका कहना था, आदेश से बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय कर्मचारियों को तो यह कई दशकों से मिल रहा है। मध्य प्रदेश सरकार में भी पांच दिन कार्य दिवस है। कार्यालय समय आधे घंटे के लिए बढ़ाया गया है, उससे फर्क नहीं पड़ेगा। अभी भी उतनी देर तक कार्यालय में कर्मचारी रहते ही हैं।