छत्तीसगढ़: मुंगेली जिले के अमलीडीह गांव में 8 से 9 साल की बच्ची की अर्धनग्न लाश प्लास्टिक की बोरी में मिली है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है। लोगों ने संदिग्ध बोरी को देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब बोरी को खोला, तो उसमें से बच्ची की लाश निकली।
कोतवाली थाना प्रभारी गौरव पांडेय ने बताया कि ग्राम अमलीडीह के बाहर झाड़ियों के बीच चरवाहों ने एक बोरी में कुछ बंधा हुआ पड़ा देखा। उन्होंने इसकी सूचना गांव के कोटवार को दी। कोटवार तुरंत वहां पहुंचे और बोरी को बाहर से छूकर देखा, तो उसमें किसी जीव के शरीर के होने का अहसास हुआ। उसने तुरंत मुंगेली कोतवाली थाने में घटना की सूचना दी। जानकारी मिलने पर पुलिस टीम अमलीडीह गांव पहुंची
बोरी को खुलवाया गया, तो उसमें 8-9 साल की बच्ची की लाश मिली। लाश अर्धनग्न थी। बच्ची के मुंह पर नारंगी रंग का एक गमछा भी बंधा हुआ था। लाश एक दिन पुरानी लग रही थी। पुलिस ने बच्ची के शव को देख तुरंत मौके पर डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक विभाग की टीम को भी बुलवा लिया।
पुलिस ने ग्रामीणों से बच्ची को लेकर पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। अभी तक बच्ची की शिनाख्त नहीं की जा सकी है। इधर लाश की सूचना मिलते ही गांववालों की भीड़ मौके पर जमा हो गई।
चरवाहों ने देखी बोरी में लाश।
थाना प्रभारी गौरव पांडेय ने बताया कि बच्ची को प्लास्टिक की बोरी में हाथ-पैर मोड़कर डाला गया था। उसके गले में 786 लिखा लॉकेट लटका हुआ था। बच्ची केवल चड्ढी पहने हुई थी। इसके अलावा और कोई कपड़ा उसके शरीर पर नहीं था। हालांकि पुलिस पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने तक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं कर रही है।
घटनास्थल पर जमा ग्रामीणों की भीड़।
जांच अधिकारी ने कहा कि बच्ची को मारकर बोरी में डाला गया है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजहों का खुलासा हो सकेगा। बच्ची के शव को पंचनामा कार्रवाई कर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया है।
बच्ची का गला घोंटने के निशान मिले हैं। पुलिस ने आसपास के गांवों और थानों में बच्ची के शव की फोटो भेज दी है। मुखबिरों को भी फैला दिया गया है, ताकि बच्ची के बारे में कुछ जानकारी मिल सके। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किसी ने बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट आसपास के थानों में दर्ज कराई है या नहीं।