राजस्थान: जयपुर में 6 आवारा कुत्तों के बुरी तरह से नोंचने के एक हफ्ते बाद भी 9 वर्षीय बच्चे की हालत ठीक नहीं है। मिडिया जब पीड़ित बच्चे दक्ष के घर पहुंचा तो वह अब भी बहुत सहमा हुआ है। घर से बाहर निकलने में डरता है। कुत्तों को देखते ही उसे वही मंजर याद आने लगता है। हमने उस घटना पर बात करने की कोशिश की। वह बताते हुए बहुत डरा हुआ था। हालांकि उसके शरीर के घाव अब धीरे-धीरे भर रहे हैं।
दक्ष बोला- अब नीचे नहीं जाऊंगा। जब तक डॉगी पकड़े नहीं जाते हैं। इसके बाद दक्ष सहम गया, आगे कुछ नहीं बोला। मासूम अब अपने घर की बालकनी में बैठकर ही कॉलोनी की गली को देखता है। जब भी कोई डॉगी सड़क से निकलता है। वह डर के मारे कमरे में घुस जाता है।
कुत्ते के हमले से सहमा दक्ष। घर के अंदर ही बैठा रहता है।
उसकी मां सीमा ने बताया कि बेटे को लहूलुहान देखकर एक बार सुध-बुध खो बैठी थी। फिर किसी तरह से अपने आप को संभाला। बच्चे को लेकर अस्पताल भागे। दक्ष दर्द से तड़प रहा था। अस्पताल में इलाज के दौरान रोने लगा। तीन दिन तक इलाज चलने के बाद बेटा घर आया तो चैन मिला।
डर से सहमा दक्ष मां के पास ही बैठा रहता है।
सीमा ने कहा- जब तक कुत्ते पकड़े नहीं जाएंगे तब तक दक्ष ही नहीं पूरी कॉलोनी के बच्चे बाहर नहीं आने वाले। दूसरे बच्चों पर भी दक्ष पर हुए हमले का असर हुआ है। वे भी बाहर जाने से डर रहे हैं। कॉलोनी के लोग बार-बार यही बात दोहरा रहे हैं कि निगम जल्द से जल्द कुत्तों को पकड़े। निगम प्रशासन कुत्तों को नहीं पकड़ पा रहा है। कुत्ते अभी भी कॉलोनी में घूम रहे हैं। केवल खानापूर्ति करने के लिए निगम के कर्मचारी आए। एक छोटा जाल लेकर आए। इससे कुत्ते नहीं पकड़े जा सकते थे। दक्ष को अभी भी इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ रहा है।
दक्ष की मां सीमा ने बताया पहले वह बहुत डर गई थीं। बेटे तो चलता देख जान में जान आई।
दक्ष को देखने आए उसके नाना जगदीश ने बताया कि बच्चा बहुत बहादुर है, इसलिए बच गया। उसने कुत्तों का सामना किया, देखते ही देखते उनकी संख्या बढ़ गई थी। समय पर महिलाएं आ गईं नहीं तो कुछ भी हो सकता था।