Friday, April 19, 2024
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BCC News 24: BIG न्यूज़- दो बेटों का मर्डर कर पिता ने किया सुसाइड.. हत्या से पहले छोटे बेटे को ननिहाल से लाया, गला दबाकर मारा

जोधपुर: रूपाराम अपने दोनों बेटों रामा और कृष्ण से बहुत प्यार करता था। जोधपुर के झंवर थाना इलाके में परिहारों की ढाणी में कोहराम मचा है। रूपाराम ने बुधवार शाम अपने दोनों बेटों का गला घोंटकर मार डाला, फिर खुद चारा रखने के कमरे में जाकर फंदे पर लटक गया। हर कोई इस खबर से सन्न है, क्योंकि रूपाराम बेहद शांत व्यवहार वाला इंसान था।

परिजनों ने बताया कि बुधवार शाम रूपाराम की पत्नी सीता खेत में काम कर घर लौटी। तो देखा कि बेटे रामा और कृष्ण जमीन पर लेटे है। सोचा कि बच्चे आंगन में कैसे सो गए। जगाने की कोशिश की तो किसी ने कोई हरकत नहीं थी। घबराई सी पति को ढूंढने यहां-वहां दौड़ी तो देखा कि चारा रखने के कमरे में पति फंदे से लटका है। सीता चिल्लाई और बेसुध होकर गिर पड़ी।

किसी को समझ नहीं आ रहा कि रूपाराम ने अपने दोनों बेटों रामा और कृष्ण का मर्डर कर सुसाइड क्यों किया। कोई भी वजह इतनी बड़ी नहीं थी। रूपाराम के अंदर क्या छुपा था, अभी तक यह उजागर नहीं हुआ।

किसी को समझ नहीं आ रहा कि रूपाराम ने अपने दोनों बेटों रामा और कृष्ण का मर्डर कर सुसाइड क्यों किया। कोई भी वजह इतनी बड़ी नहीं थी। रूपाराम के अंदर क्या छुपा था, अभी तक यह उजागर नहीं हुआ।

पड़ोसियों ने सीता की चीख सुनी तो दौड़े। पड़ोसियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। ग्रामीणों ने बताया कि रूपाराम को कभी गुस्से में नहीं देखा। वह हमेशा शांत रहता था, सौम्य स्वभाव था उसका। दोनों बच्चों में जान बसती थी। परिहारों की ढाणी में हर कोई यही सोच रहा है कि रूपाराम ने बच्चाें को क्यों मारा।

40 साल का रूपाराम परिहारों की ढाणी में ही किसानी करता था। पत्नी सीता (38) खेती में हाथ बंटाती थी। बुधवार दोपहर 12.30 बजे खेत में काम कर रहे रूपाराम ने पत्नी सीता से कहा कि वह थक गया है, घर जाकर थोड़ी देर आराम करेगा। रूपाराम घर आ गया। सीता खेत में ही काम करती रही। घर जाने के बजाय रूपा राम अपने ससुराल नजदीकी सर गांव चला गया। सर गांव सीता का पीहर है, जहां रहकर उसके दोनों बेटे पढ़ाई कर रहे थे। दोनों बच्चे मामा ओमप्रकाश के बच्चों के साथ ही मॉर्डन स्कूल जाते थे।

दोनों के बेटों कृष्ण (बायें) और रामा (दायें) के साथ सीता। सीता पर दुखों का पहाड़ टूट चुका। एक साथ दोनों बेटों और पति की मौत का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पाई। कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है।

दोनों के बेटों कृष्ण (बायें) और रामा (दायें) के साथ सीता। सीता पर दुखों का पहाड़ टूट चुका। एक साथ दोनों बेटों और पति की मौत का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पाई। कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है।

बड़ा बेटा रामा (10) परिहारों की ढाणी में घर पर ही था। रामा 7वीं क्लास का स्टूडेंट था। उसकी स्कूल का टूर गया था, वह टूर पर नहीं गया इसलिए घर आ गया था। रूपाराम अपने छोटे बेटे कृष्ण (8) को लेने सर गांव गया था। कृष्ण 5वीं क्लास का स्टूडेंट था। शाम को दोनों बेटों का रूपाराम में गला दबाकर हत्या कर ली। इसके बाद चारे के कमरे में जाकर सुसाइड कर लिया।

रूपाराम का साला ओमप्रकाश मेडिकल का काम करता है। ओमप्रकाश ने बताया कि रूपाराम बच्चों को अक्सर घर से लेकर जाता था। वह पहले फोन कर दिया करता था कि बच्चों को लेने आ रहा हूं। लेकिन कल उसने फोन नहीं किया। रूपाराम दोपहर 1.30 से 2 बजे के बीच कृष्ण को ले गया था। ओमप्रकाश ने कहा कि रूपाराम से आखिरी बार मंगलवार को बात हुई थी। तब उसने कोई ऐसी बात नहीं बताई कि वह परेशान है। सोचा नहीं था कि रूपाराम इतना बड़ा कदम उठाने जा रहा है।

कुछ वक्त पहले तक रूपाराम जोधपुर में ड्राइवरी करता था। वह मंथली 15 हजार रुपए कमाता था। ड्राइवरी छोड़ खेती-बाड़ी करने लगा था। पति पत्नी दोनों खेती के काम में व्यस्त रहते थे इसलिए बच्चे सर गांव में मामा के यहां पढ़ते थे। सुसाइड के समय घर में कोई नहीं था। रूपाराम के भाई भी परिहारों की ढाणी में ही रहते हैं।

पुश्तैनी जमीन के कारण परेशान था
परिजनों ने कहा कि घर में ऐसी कोई परेशानी नहीं थी। उसके भाइयों के नाम पुश्तैनी जमीन थी, उन पेपर में रूपाराम का नाम नहीं था। इस वजह से वह परेशान रहता था। रूपाराम का बड़ा भाई जेसीबी का कॉन्ट्रेक्ट लेता है। रूपाराम पहले भाई के साथ काम करता था। दूसरे नम्बर का भाई खेती करता है। पिता की ज़मीन के पेपर्स में रूपाराम का नाम नहीं था। इसे लेकर वह मायूस रहता था।

मॉर्च्यूरी के बाहर रूपाराम के भाई। जमीन के कागजात में रूपाराम का नाम नहीं था। लेकिन भाइयों के बीच कभी कोई झगड़ा या कलह नहीं हुई थी। परिजन भी इस घटना से दुखी हैं।

मॉर्च्यूरी के बाहर रूपाराम के भाई। जमीन के कागजात में रूपाराम का नाम नहीं था। लेकिन भाइयों के बीच कभी कोई झगड़ा या कलह नहीं हुई थी। परिजन भी इस घटना से दुखी हैं।

कोई कर्ज नहीं था
परिजनों का कहना है कि ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती जिसकी वजह से रूपाराम इतना बड़ा कदम उठाए। रूपाराम पर कोई कर्ज भी नहीं था। उसने 10 लाख का लोन लिया था जो पूरा हो चुका था। परिवार में भी कोई कलह नहीं थी।

थाना अधिकारी मनोज कुमार परिहार ने बताया कि पुलिस बुधवार रात परिहारों की ढाणी निवासी रूपाराम के घर पहुंची तो रामा और कृष्ण के शव कमरों में मिले। एक कमरे में रूपाराम पटेल का शव फंदे से लटका मिला। तीनों के शव जोधपुर एम्स में रखवाए हैं। बुधवार को पोस्टमार्टम हुआ।

पुलिस के सामने कई अनसुलझे सवाल हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

पुलिस के सामने कई अनसुलझे सवाल हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

रूपाराम के दोनों बेटों के शव पास-पास पड़े थे। कुछ सवाल पुलिस को भी हैरान कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों बच्चों को एक साथ नहीं मारा जा सकता। एक को मारने के प्रयास में दूसरा बच्चा कोई प्रतिक्रिया दे सकता था या भाग सकता था। परिहारों की ढाणी से सर गांव की दूरी करीब 1 घंटे की है। इस दौरान रूपाराम के विचारों में बदलाव आ सकता था। मिलनसार, सरल और खुशमिजाज रूपाराम के जीवन में कोई ऐसी बड़ी वजह नहीं थी कि वह बेटों को मारकर सुसाइड कर बैठे।

झंवर थाना अधिकारी मनोज कुमार परिहार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए हैं।

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