रायपुर: छत्तीसगढ़ में पर्यटन उद्योग को राम वनगमन पथ से नई ताकत मिली है। यहां पिछले दो साल में राम वनगमन पथ की चंदखुरी-शिवरीनारायण साइट शुरू हो गई हैं, राजिम साइट पर तेजी से काम चल रहा है। पर्यटकों की संख्या के विश्लेषण से यह बात सामने आई है कि तीनों साइट में इस साल पर्यटकों की संख्या 7 गुना से अधिक बढ़ चुकी है। पर्यटन विभाग के अफसरों का कहना है कि पड़ोसी राज्य ओडिशा, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी,झारखंड से भी अब बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आ रहे हैं।
पर्यटन विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि यह वृद्धि 22 साल में पहली बार देखने में आई है। इसमें भी शिवरीनारायण में विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दस गुना तक पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। एक साल में राम वनगमन पथ की सभी 9 साइटें ओपन करने की तैयारी की जा रही है। पर्यटकों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए ही राजिम की साइट पर काम इतना तेज कर दिया गया है कि इसे अगले दो माह में चालू किया जा सके।
राम वनगमन पथ की नोडल अफसर अनुराधा दुबे के मुताबिक राम वनगमन साइट पर पड़ोसी राज्यों के पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ी है। इसीलिए राजिम की साइट पर काम तेज किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक राजिम की साइट पर भी भगवान श्रीराम की 25 फीट ऊंची प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। करीब 35 लाख की इस प्रतिमा का निर्माण साइट पर ही किया जा रहा है। जिसको ओडिशा और प्रदेश के 35 से अधिक कारीगर मिलकर बना रहे हैं।
चंदखुरी और शिवरीनारायण में सालभर में ही 10 गुना तक पर्यटक
- कौशल्या माता जन्मस्थान- राम वनगमन पथ की प्रदेश की पहली साइट चंदखुरी रायपुर से काफी नजदीक है। इसे कौशल्या माता का जन्मस्थान माना जाता है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यहां पहले आम दिनों में हर दिन 40 से 50 लोग ही पर्यटन के लिए जाते थे। वो आंकड़ा अब बढ़कर प्रतिदिन 250 से 550 के बीच पर पहुंच गया है। वहीं वीकेंड और छुट्टियों के दिनों में यहां पर्यटकों की संख्या 2 हजार से साढ़े तीन हजार तक पहुंच रही है।
- शिवरीनारायण नदी तट- इस साल ओपन की गई शिवरीनारायण की साइट में पर्व-त्योहारों और मेले को छोड़कर रोजाना प्रदेशभर से 300 से 500 पर्यटक तक भ्रमण के लिए आते थे। राम वनगमन साइट के रूप में डेवलप होने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या बढ़कर हर दिन 5 से 8 हजार के बीच पहुंच रही है। वीकेंड और छुट्टियों के दिनों में पर्यटकों की संख्या 15 से 20 हजार तक पहुंच जाती है। इसमें पड़ोसी राज्यों के पर्यटक भी शामिल हैं।
पड़ोसी राज्यों से जुगलबंदी काम आई
पर्यटन विभाग ने टूरिज्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ साझेदारी की नई रणनीति बनाई है। इसके तहत पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, यूपी जैसे राज्यों के पर्यटन विभाग के साथ छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग मिलकर काम करने जा रहा है। इसमें राम वनगमन पथ की साइटों के अलावा प्राकृतिक स्थलों की नए तरीके से ब्राडिंग का प्लान बनाया गया है।